Stock Market: निवेशकों की बिकवाली से हांफ गया शेयर बाजार, 367 अंक टूटकर सेंसेक्स धड़ाम

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को निवेशकों की भारी बिकवाली के दबाव में गिरावट के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स 367 अंक टूटकर 85,041 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 में 100 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. आईटी, बैंकिंग और फार्मा शेयरों में कमजोरी देखने को मिली. विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी, कमजोर वैश्विक संकेत और सांता रैली की उम्मीदें कमजोर पड़ने से बाजार की धारणा नकारात्मक बनी रही.

By KumarVishwat Sen | December 26, 2025 4:40 PM

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार दूसरे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ. साल के अंत में निवेशकों की सतर्कता और मुनाफावसूली के दबाव के चलते बाजार में बिकवाली हावी रही. कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी ने बाजार की धारणा को और प्रभावित किया.

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट

शेयर बाजार के कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 367 अंक या 0.43% की गिरावट के साथ 85,041.45 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 100 अंक या 0.38% टूटकर 26,042.30 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में दोनों प्रमुख सूचकांक दबाव में नजर आए.

कमजोर शुरुआत से मिला गिरावट का संकेत

भारतीय शेयर बाजार ने दिन की शुरुआत ही कमजोरी के साथ की थी. निफ्टी 50 इंडेक्स 26,121.25 पर खुला, जिसमें 20.85 अंक या 0.08% की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, बीएसई सेंसेक्स 183.42 अंक या 0.21% टूटकर 85,225.28 पर खुला. कमजोर ओपनिंग ने यह संकेत दे दिया था कि बाजार में आज तेजी की उम्मीद कम है.

आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली

सेक्टोरल स्तर पर सबसे ज्यादा दबाव तकनीकी शेयरों में देखने को मिला. निफ्टी आईटी इंडेक्स में करीब 1% की गिरावट दर्ज की गई. आईटी इंडेक्स में कोफोर्ज सबसे ज्यादा नुकसान में रहा, जिसके शेयर 3% से अधिक टूट गए. इसके अलावा एलटीआईमाइंडट्री, एम्फसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में भी 1% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.

वित्तीय और फार्मा शेयर भी दबाव में

आईटी के अलावा वित्तीय और चुनिंदा फार्मा कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली देखी गई. बैंकिंग और ऑटो शेयरों में लगातार दबाव बना रहा, जिससे बाजार की रिकवरी सीमित रही. हालांकि, मेटल और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के कुछ शेयरों में हल्की मजबूती देखने को मिली, जिससे गिरावट और ज्यादा गहरी नहीं हुई.

सांता रैली की उम्मीदें कमजोर

विदेशी निधियों की निरंतर निकासी और कमजोर गति के चलते इस बार पारंपरिक सांता क्लॉस रैली की उम्मीदें फीकी पड़ गई. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, साल के अंत में कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और आगामी नतीजों से पहले सतर्क माहौल के कारण व्यापक स्तर पर मुनाफावसूली हुई है. अमेरिका-भारत व्यापार समझौते जैसे किसी बड़े नए उत्प्रेरक की कमी भी बाजार पर दबाव बना रही है.

विदेशी निवेशकों की निकासी से बढ़ा दबाव

विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लगातार निकासी ने न सिर्फ शेयर बाजार बल्कि भारतीय रुपये पर भी दबाव डाला है. लार्ज-कैप शेयरों का प्रदर्शन मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों की तुलना में कमजोर रहा, जिससे बाजार की समग्र धारणा नकारात्मक बनी रही.

रेलवे और मेटल सेक्टर में दिखी मजबूती

एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर के अनुसार, रेलवे सेक्टर ने आज बेहतर प्रदर्शन किया. इसका कारण सरकारी पूंजीगत व्यय में निरंतरता, मजबूत ऑर्डर फ्लो और बुनियादी ढांचे पर खर्च को लेकर लंबी अवधि की स्पष्टता है. इसके अलावा कुछ चुनिंदा मेटल शेयरों में भी निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही.

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निफ्टी के लिए 26,000 अहम स्तर

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के मुताबिक, निफ्टी में कमजोरी बनी हुई है, क्योंकि यह घंटेवार चार्ट पर 21 ईएमए से नीचे फिसल गया है. आरएसआई मंदी के क्रॉसओवर में है, जो कमजोर गति का संकेत देता है. निफ्टी को 26,000 के स्तर के पास समर्थन मिला है. अगर यह स्तर बरकरार रहता है तो सूचकांक 26,200 या उससे ऊपर जा सकता है, जबकि 26,000 से नीचे फिसलने पर और गिरावट की आशंका रहेगी.

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