एसबीआई फंड मैनेजमेंट का जल्द आएगा IPO, भारतीय स्टेट बैंक ने 6% हिस्सेदारी को दी मंजूरी

IPO: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी सहायक कंपनी एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड में 6% हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी है. यह कदम कंपनी के आईपीओ की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. अमुंडी इंडिया भी 3.7% हिस्सेदारी बेचेगी. इस आईपीओ के जरिए कुल 10% हिस्सेदारी बाजार में पेश की जाएगी. 2026 तक इसके पूरा होने की संभावना है, जिससे यह एसबीआई की तीसरी सूचीबद्ध सहायक कंपनी बनेगी.

By KumarVishwat Sen | November 6, 2025 3:38 PM

IPO: भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सहायक कंपनी एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड का आईपीओ जल्द ही शेयर बाजार में पेश किया जा सकता है. भारतीय स्टेट बैंक ने एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है. एसबीआई अपनी सहायक कंपनी एसबीआई फंड मैनेजमेंट की 6% हिस्सेदारी बेचेगा. इस विनिवेश से कंपनी के आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

सूचीबद्ध होगी एसबीआई की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी

भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि वह अपनी सहायक कंपनी एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड में 3,20,60,000 इक्विटी शेयर बेचने की योजना बना रहा है. यह कंपनी की कुल इक्विटी पूंजी का 6.3007% है. यह विनिवेश नियामकीय अनुमोदन पर निर्भर होगा. इस बिक्री के साथ ही एसबीआई म्यूचुअल फंड एसबीआई की तीसरी ऐसी सहायक कंपनी होगी, जो सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होगी. इससे पहले एसबीआई कार्ड्स और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस बाजार में सफलतापूर्वक सूचीबद्ध हो चुकी हैं.

अमुंडी इंडिया भी बेचेगी 3.7% हिस्सेदारी

एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड की दूसरी प्रवर्तक कंपनी अमुंडी इंडिया होल्डिंग भी अपनी हिस्सेदारी का 3.7006% यानी 1,88,30,000 इक्विटी शेयर बेचने जा रही है. दोनों प्रवर्तकों की संयुक्त हिस्सेदारी बिक्री मिलाकर कुल 10.0013% इक्विटी हिस्सेदारी या 5,08,90,000 शेयर आईपीओ में पेश किए जाएंगे. दोनों प्रवर्तकों ने संयुक्त रूप से इस आईपीओ को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसकी पूरा होने की संभावना वर्ष 2026 तक जताई गई है.

एसबीआई फंड मैनेजमेंट की 1987 में हुई थी स्थापना

एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी. यह देश का पहला गैर-यूटीआई म्यूचुअल फंड था, जिसने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में एक नया अध्याय जोड़ा. बाद में 1992 में एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड को एसबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया, जो एसबीआई म्यूचुअल फंड के निवेश प्रबंधक के रूप में कार्य करती है. कंपनी आज विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश समाधान प्रदान करती है और खुदरा से लेकर संस्थागत निवेशकों तक विस्तृत ग्राहक आधार रखती है.

क्या है स्ट्रक्चर

वर्तमान में, एसबीआई के पास 61.91% और अमुंडी इंडिया होल्डिंग्स के पास 36.36% हिस्सेदारी है. इस विनिवेश के बाद दोनों प्रवर्तकों की संयुक्त हिस्सेदारी में मामूली कमी आएगी, जबकि बाजार में नए निवेशकों के लिए प्रवेश का अवसर बढ़ेगा.

देश की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी

एसबीआई फंड मैनेजमेंट लिमिटेड वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) है. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 15.55% है और यह भारतीय म्यूचुअल फंड सेक्टर में अग्रणी स्थान रखती है. 30 सितंबर 2025 तक एसबीआई म्यूचुअल फंड की विभिन्न योजनाओं के तहत 11.99 लाख करोड़ रुपये की तिमाही औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति और 16.32 लाख करोड़ रुपये की वैकल्पिक कोषों के तहत परिसंपत्ति का प्रबंधन किया जा रहा है. ये आंकड़े कंपनी के मजबूत प्रबंधन और निवेशकों के भरोसे को दर्शाते हैं.

आईपीओ से जुड़े फायदे और उद्देश्य

एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा, “एसबीआईएफएमएल के वर्षों से निरंतर मजबूत प्रदर्शन और बाजार नेतृत्व को देखते हुए यह आईपीओ प्रक्रिया शुरू करने का उपयुक्त समय है.” उन्होंने आगे कहा कि यह आईपीओ न केवल मौजूदा निवेशकों के लिए मूल्य प्राप्ति को अधिकतम करेगा, बल्कि यह साधारण निवेशकों के लिए नए अवसर भी खोलेगा. साथ ही, इससे पूंजी बाजार में भागीदारी व्यापक होगी और कंपनी के उत्पादों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी.

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मील का पत्थर साबित होगा आईपीओ

एसबीआई फंड मैनेजमेंट का आगामी आईपीओ भारतीय पूंजी बाजार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है. बढ़ती एयूएम, मजबूत निवेश प्रदर्शन और एसबीआई ब्रांड के भरोसे के साथ, यह आईपीओ निवेशकों के लिए दीर्घकालिक अवसर प्रस्तुत करता है. यदि नियामकीय मंजूरियां समय पर मिलती हैं, तो 2026 तक इसका सफल लिस्टिंग भारत के एसेट मैनेजमेंट सेक्टर के लिए एक नई दिशा तय कर सकती है.

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