अडानी को संपत्ति बेचकर Sahara Group करेगा निवेशकों का पैसा लौटाने की कोशिश

Sahara Case: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज को बेचने की अनुमति मांगी है. इससे लंबित निवेशकों के पैसे लौटाने में मदद मिलेगी. अब तक ₹16,000 करोड़ की राशि जुटाई जा चुकी है.

By Abhishek Pandey | October 5, 2025 11:40 AM

Sahara Case: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है ताकि वह अपने कुछ प्रमुख अचल और चल संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच सके. यह कदम लंबे समय से अटके निवेशकों के पैसे को वापस पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जिन संपत्तियों की बिक्री की अनुमति मांगी गई है, उनमें महाराष्ट्र की एंबी वैली और लखनऊ का सहारा शहर शामिल हैं. याचिका पर सुनवाई की संभावित तिथि 14 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है.

अधिवक्ता गौतम अवस्थी के माध्यम से दायर याचिका में यह उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित लेन-देन 6 सितंबर 2025 की टर्म शीट में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार होगा. याचिका में यह भी कहा गया है कि Sahara समूह और SICCL को अपनी संपत्तियों को लिक्विडेट करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. इन संपत्तियों से जुटाई गई राशि को SEBI – Sahara Refund Account में जमा किया गया है.

कुल ₹24,030 करोड़ की मूल राशि में से, Sahara समूह ने अब तक लगभग ₹16,000 करोड़ संपत्तियों की बिक्री के माध्यम से जुटाए हैं. SICCL ने यह भी स्पष्ट किया कि SEBI ने Sahara Group की संपत्तियों को बेचने या लिक्विडेट करने के कई प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो पाया. जमा की गई राशि केवल SICCL और Sahara Group के प्रयासों से संभव हुई.

निवेशकों के पैसे लौटाने की दिशा में बड़ा कदम

SICCL ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि प्रस्तावित डील में शामिल 88 संपत्तियों की बिक्री को मंजूरी दी जाए. कंपनी का कहना है कि यह कदम Sahara Group की संपत्तियों से उचित मूल्य निकालने के साथ-साथ कोर्ट के आदेशों के अनुसार वित्तीय दायित्वों का निर्वाह सुनिश्चित करने में मदद करेगा.

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सुप्रीम कोर्ट यह अनुमति दे देता है, तो यह लंबित निवेशकों के पैसे को वापस पाने की प्रक्रिया में एक बड़ा मोड़ साबित होगा और Sahara Group के कानूनी मामलों के समाधान की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा.

Also Read: भारत की प्राइमरी मार्केट में IPO का धमाका! वित्त, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टील सेक्टर में अवसर

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.