Rubicon Research IPO: 48 गुना सब्सक्रिप्शन से निवेशक हैरान!
Rubicon Research IPO: स्यूटिकल सेक्टर में एक कंपनी ने निवेशकों को चौंका दिया है. रूबिकॉन रिसर्च का आईपीओ तीन दिनों में ही रिकॉर्ड तोड़ सब्सक्रिप्शन के साथ चर्चा में है. रिटेल से लेकर संस्थागत निवेशकों तक सभी ने इसमें भारी रुचि दिखाई है. आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और कंपनी की तेजी से बढ़ती ग्रोथ योजनाओं में किया जाएगा.प्रमोटरों की मजबूत टीम और हाल ही में किए गए बड़े अधिग्रहण इसे और भी आकर्षक बनाते हैं.निवेशक उत्सुक हैं कि इस आईपीओ की लिस्टिंग पर उन्हें कितना फायदा मिलेगा.क्या यह उम्मीदें पूरी होंगी? जवाब जल्द ही सामने आने वाला है .
Rubicon Research IPO: फार्मास्यूटिकल सेक्टर की तेजी और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच, रूबिकॉन रिसर्च का आईपीओ इस समय चर्चा में है. इस आईपीओ ने तीन दिन में ही जबरदस्त प्रतिक्रिया पाई है और अलग-अलग निवेशक श्रेणियों में भारी सब्सक्रिप्शन देखने को मिला है.कंपनी की ग्रोथ स्ट्रैटेजी, मजबूत प्रमोटर टीम और विस्तार करते मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क ने इसे निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बना दिया है. आइए जानते हैं इस आईपीओ की मुख्य बातें, इसके निवेश विवरण और कंपनी की ताकत.
रूबिकॉन रिसर्च के आईपीओ में इतनी जबरदस्त मांग क्यों?
फार्मास्यूटिकल कंपनी रूबिकॉन रिसर्च के आईपीओ को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. 13 अक्टूबर को बोली लगाने के तीसरे दिन तक इसे 48 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है.कंपनी के आईपीओ को 1,64,55,670 शेयरों के मुकाबले 179.32 करोड़ से ज्यादा शेयरों की बोलियां मिली हैं, ऐसा एनएसई के आंकड़ों से पता चला है. टेल निवेशकों की श्रेणी में आईपीओ को 26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) की श्रेणी में यह 80.07 गुना तक पहुंच गया है. वहीं संस्थागत निवेशकों (QIBs) के लिए तय कोटा 39.84 गुना भरा गया है.
आईपीओ के बाद जनरल अटलांटिक की हिस्सेदारी क्यों घटेगी?
कंपनी ने बुधवार को बताया कि उसने एंकर निवेशकों से 619 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी का 1,377.5 करोड़ रुपये का आईपीओ दो हिस्सों में है. इसमें 500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं और 877.5 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS). प्रमोटर जनरल अटलांटिक सिंगापुर आरआर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है. आईपीओ के बाद, जनरल अटलांटिक की हिस्सेदारी घटकर करीब 35% से थोड़ी अधिक रह जाएगी.
रूबिकॉन रिसर्च के आईपीओ की रकम का इस्तेमाल कहां होगा?
यह इश्यू 13 अक्टूबर को बंद होगा और इसका प्राइस बैंड 461 रुपये से 485 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. रूबिकॉन रिसर्च के आईपीओ से जुटाई गई रकम में से 310 करोड़ रुपये का उपयोग कर्ज चुकाने में किया जाएगा. इस के अलावा कुछ हिस्सा कंपनी की ग्रोथ, नई रणनीतियों और कॉर्पोरेट कामों के लिए इस्तेमाल होगा. कंपनी ने बुधवार को बताया कि कोटक म्यूचुअल फंड और मोतीलाल म्युचुअल फंड ने मिलकर इसमें करीब 169 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस सौदे के तहत जनरल अटलांटिक ने 34.86 लाख शेयर यानी 2.25% हिस्सेदारी, 484.47 रुपये प्रति शेयर के भाव से ट्रांसफर किए, जिसकी कुल वैल्यू लगभग 169 करोड़ रुपये है.
Also Read: PM Kisan: किसानों का इंतजार जारी, आखिर कब तक मिलेगी 21वीं किस्त ?
रूबिकॉन रिसर्च की ताकत और ग्रोथ स्ट्रैटेजी क्या है?
जनरल अटलांटिक के अलावा कंपनी के अन्य प्रमोटरों में प्रतिभा पिलगांवकर, सुधीर डी. पिलगांवकर, पराग एस. संचेती, सुरभि पी. संचेती और सुमंत एस. पिलगांवकर शामिल हैं. रूबिकॉन रिसर्च एक फार्मास्यूटिकल फॉर्मुलेशन कंपनी है, जो रिसर्च और इनोवेशन पर खास ध्यान देती है. इसके पोर्टफोलियो में कई स्पेशलिटी प्रोडक्ट्स और ड्रग-डिवाइस कॉम्बिनेशन प्रोडक्ट्स शामिल हैं, जो खासकर अमेरिकी बाजार को लक्ष्य करते हैं. कंपनी ने हाल ही में अपने मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क का भी विस्तार किया है. जून में उसने एल्केम लेबोरेटरीज की पिथमपुर (मध्य प्रदेश) स्थित यूनिट को 149 करोड़ रुपये के ऑल-कैश डील में खरीदा था. फिलहाल कंपनी के पास दो आर एण्ड डी सेंटर है. एक भारत में और दूसरा कनाडा में, जिन्हें यूएस एफडीए ने इंस्पेक्ट किया है. इसके अलावा, इसके पास भारत में दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स भी हैं, जिन्हें यूएस एफडीए, महाराष्ट्र एफडीए (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) और हेल्थ कनाडा जैसी एजेंसियों से मंजूरी मिली है. इन्वेस्टरगेन के अनुसार, 13 अक्टूबर दोपहर 12:10 बजे तक कंपनी का जीएमपी 96 रुपये था. ऊपरी प्राइस बैंड 485 रुपये के आधार पर इसका अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 581 रुपये सकता, यानी हर शेयर पर करीब 19.79% का अनुमानित लाभ है.
Also Read: बैडमिंटन कोर्ट से करोड़ों तक का सफर: आखिर कितनी है PV Sindhu की संपत्ति?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
