RBI Ombudsman Complaints: आरबीआई के लोकपाल को एक साल में मिलीं 13.34 लाख शिकायतें, लोन और क्रेडिट कार्ड की सबसे अधिक

RBI Ombudsman Complaints: आरबीआई की वार्षिक लोकपाल रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में शिकायतें बढ़कर 13.34 लाख पहुंचीं. लोन और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक रहीं, जबकि सीआरपीसी और ओआरबीआईओ ने मिलकर 12 लाख से अधिक मामलों का निपटान किया. शिकायतों में बैंकों की हिस्सेदारी 81.53% रही और 91% शिकायतें डिजिटल माध्यम से दर्ज हुईं.

By KumarVishwat Sen | December 1, 2025 9:38 PM

RBI Ombudsman Complaints: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को उपभोक्ता शिकायतों में जोरदार बढ़ोतरी पर प्रकाश डाला, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 13.34 लाख शिकायतें दर्ज की गईं. यह वित्त वर्ष 2023-24 से 13.55% की वृद्धि है. आरबीआई ने अपनी एकीकृत लोकपाल योजना (आईओ स्कीम) की वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में उपभोक्ता शिकायतों की संख्या बढ़कर 13.34 लाख हो गई. डिजिटल बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और लोन से जुड़ी समस्याएं इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारण बताए गए हैं.

सीआरपीसी और ओआरबीआईओ का शिकायत निपटान

इन शिकायतों में से केंद्रित प्राप्ति एवं प्रसंस्करण केंद्र (सीआरपीसी) ने 9.11 लाख शिकायतों का निपटान किया. वहीं, आरबीआई लोकपाल कार्यालयों (ओआरबीआईओ) को प्रत्यक्ष सीएमएस प्रस्तुतियों और सीआरपीसी की ओर से असाइनमेंट के माध्यम से 2.96 लाख शिकायतें मिलीं. बढ़ती शिकायतों के बावजूद ओआरबीआईओ ने 2.90 लाख शिकायतों को निपटाते हुए 93.07% निपटान दर दर्ज की, जो सिस्टम की दक्षता को दर्शाता है.

लोन और क्रेडिट कार्ड शिकायतें सबसे अधिक

रिपोर्ट में बताया गया कि उपभोक्ताओं की सबसे अधिक शिकायतें लोन और अग्रिम भुगतान से जुड़ी रहीं, जिनकी हिस्सेदारी 29.25% रही. क्रेडिट कार्ड शिकायतों में 20.04% वृद्धि देखी गई, जो बढ़ती डिजिटल खपत और कार्ड उपयोग का संकेत है. दिलचस्प रूप से, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग शिकायतों में 12.74% की गिरावट दर्ज हुई, जो बेहतर तकनीकी सिस्टम या उपभोक्ता जागरूकता में सुधार का परिणाम हो सकता है.

बैंकों की सबसे अधिक हिस्सेदारी

विनियमित संस्थानों में कुल शिकायतों में बैंकों की हिस्सेदारी 81.53% रही. निजी क्षेत्र के बैंकों की शिकायत हिस्सेदारी बढ़कर 37.53% हो गई. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी घटकर 34.80% पर पहुंच गई. एनबीएफसी की हिस्सेदारी 14.80% रही, जिससे पता चलता है कि डिजिटल लेंडिंग और फिनटेक प्लेटफॉर्म भी उपभोक्ता शिकायतों के केंद्र में बने हुए हैं.

डिजिटल तरीके से शिकायत दर्ज करने में बड़ी बढ़त

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शिकायत करने की प्रक्रिया तेजी से डिजिटल हो रही है. 91.22% शिकायतें ऑनलाइन या ईमेल के माध्यम से दर्ज की गईं, जो उपभोक्ताओं की सुविधा और जागरूकता में बढ़ोतरी को दर्शाती है.

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टोल-फ्री पर 9.27 लाख कॉल, 29% की वृद्धि

आरबीआई के टोल-फ्री नंबर पर 9.27 लाख कॉल प्राप्त हुईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 29% अधिक हैं. इनमें से 70% कॉल हिंदी में, जबकि बाकी कॉल क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी में दर्ज की गईं. यह बताता है कि लोकपाल सेवा देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक तेजी से विस्तार कर रही है.

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