‘EMI moratorium किसको मिलेगा है और किसको नहीं? अब ये बैंक करेंगे तय’

EMI moratorium : रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ऋण अधिस्थगन (EMI moratorium) किसको देना है और किसको नहीं यह बैंकों को तय करना है. ऋण अधिस्थगन तो एक अस्थायी समाधान था. उन्होंने कहा कि ऋण अधिस्थगन के बजाए स्थायी हल निकालना जरूरी है. इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक के गवर्नर दास ने यह भी कहा कि आरबीआई के पास पॉलिसी स्पेस है. ऐसा नहीं है कि ब्याज दरें आगे नहीं घटेंगी. जरूरत पड़ने पर पॉलिसी स्पेस का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2020 3:03 PM

EMI moratorium : रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ऋण अधिस्थगन (EMI moratorium) किसको देना है और किसको नहीं यह बैंकों को तय करना है. ऋण अधिस्थगन तो एक अस्थायी समाधान था. उन्होंने कहा कि ऋण अधिस्थगन के बजाए स्थायी हल निकालना जरूरी है. इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक के गवर्नर दास ने यह भी कहा कि आरबीआई के पास पॉलिसी स्पेस है. ऐसा नहीं है कि ब्याज दरें आगे नहीं घटेंगी. जरूरत पड़ने पर पॉलिसी स्पेस का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

कोरोना वैक्सीन पर चल रहे हैं तीन रिसर्च : एक न्यूज चैनल सीएनबीसी आवाज को दिये साक्षात्कार में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चितता है. मैं हमेशा आशावादी रहता हूं. हम कोरोना के खिलाफ जंग जीत कर रहेंगे. भारत में कोरोना वैक्सीन पर 3 रिसर्च चल रहे हैं.

फिलहाल महंगाई कोई बाधा नहीं : गवर्नर ने कहा कि फिलहाल, महंगाई को लेकर कोई बाधाएं नहीं हैं. आगे की स्थिति पर अभी टिप्पणी करना ठीक नहीं है. रिजर्व बैंक कई पहलुओं के मद्देनजर फैसले लेता है. महंगाई अकेला पहलू नहीं है. धारा 45 जेडए में पॉलिसी को लेकर स्पष्टता है. तीन बाहरी सदस्यों के साथ एक नया मौद्रिक नीति समिति भी बनेगी. प्रस्ताव के मसौदे पर सोच-समझकर फैसला किया गया है. हमारे लिए बैंकों की हेल्थ बहुत महत्वपूर्ण है. कोरोना काल में कारोबार काफी मुश्किल में फंसा है. ऐसे में रोजगार प्रदान करने वाले कारोबार को बचाने की प्राथमिकता दी जाएगी.

पर्सनल लोन का बैंक कर सकते हैं पुनर्गठन : आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केवी कामत समिति की सिफारिश बिजनेस लोन पर होगी. प्रस्ताव की मसौदा रिपोर्ट 6 सितंबर तक आ जाएगी. पर्सनल लोन पर बैंक ऋण पुनर्गठन कर सकते हैं. कोरोना संकट में ही प्रस्तावित मसौदा लागू होगा. प्रस्ताव का मसौदा सभी मामलों में लागू नहीं होगा. सरकार ने कर्जदारों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं. रियल एस्टेट पर भी सरकार ने बैंकर्स और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद कई अहम फैसले किए हैं. बहुत सारे संकट में फंसे कारोबार को राहत दी गयी है. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में विनिवेश पर सरकार उचित फैसला लेगी. इस पर अगर सरकार सरकार कोई प्रस्ताव देगी, तो अपना विचार रखेंगे.

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Posted By : Vishwat Sen

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