Petrol Diesel Price: घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कही ये बात
Petrol Diesel Price: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पिछली तिमाही में ठीक प्रदर्शन किया है. कुछ घाटे की भरपाई कर ली है.कंपनियों ने अपनी कॉरपोरेट जिम्मेदारी भी बहुत अच्छी तरह से निभाई है. पुरी ने कहा कि ऐसे में हम जैसे आगे बढ़ेंगे, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है.
Petrol Diesel Price: देश में महंगाई आसमान छू रही है. चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहे हैं. पेट्रोल के दाम भी हाल के दिनों में काफी बढ़ गये हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या देश में डीजल पेट्रोल के दामों में कमी आएगी. तेल के दाम को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यानी शनिवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटाने पर विचार करने की स्थिति में होंगी.
अच्छे होंगे आगामी नतीजे
पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि तेल कंपनियों के आगामी तिमाही नतीजे अच्छे होंगे. ऐसे तेल कंपनियां दामों में कम करने पर विचार कर सकती हैं. बता दें, हरदीप पुरी ने बीजेपी मुख्यालय में एक पीसी के दौरान कहा कि पेट्रोल कीमतों की कीमतो पर अभी किसी किस्म की घोषणा नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा, आगे चलकर देखेंगे कि क्या किया जा सकता है.
कुछ घाटे की हो गई है भरपाई- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पिछली तिमाही में ठीक प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि कंपनियों ने अपने कुछ घाटे की भरपाई कर ली है.कंपनियों ने अपनी कॉरपोरेट जिम्मेदारी भी बहुत अच्छी तरह से निभाई है. पुरी ने कहा कि ऐसे में हम जैसे आगे बढ़ेंगे, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है.
22 अप्रैल से नहीं बढ़े हैं दाम
हरदीप पुरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया है कि 22 अप्रैल से तेल कीमतों में बढ़ोतरी न हो. उन्होंने कहा कि सरकार आगे भी सुनिश्चित करेगी कि ग्राहकों को परेशानी ना हो. इस दौरान पुरी ने विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने विपक्ष पर रेवड़ी राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई सब कुछ मुफ्त में देने की पेशकश कर सकता है, लेकिन ऐसे में मुफ्तखोरी की राजनीति खतरनाक हो जाती है.
भाषा इनपुट से साभार