तेल कंपनियों ने जारी किए ताजा रेट, जानिए आपके शहर में कितना बदला भाव

Petrol Diesel Price Today: 6 अक्टूबर 2025 को तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी कर दिए हैं. पिछले कई हफ्तों की तरह आज भी कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली में पेट्रोल ₹94.72 और डीजल ₹87.62 प्रति लीटर पर स्थिर बना हुआ है.

By Abhishek Pandey | October 6, 2025 8:11 AM

Petrol Diesel Price Today: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट की जाती हैं. सरकारी तेल कंपनियां (IOC, HPCL, BPCL) अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और रुपये-डॉलर विनिमय दर के आधार पर नए रेट जारी करती हैं. सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को जारी ताज़ा दरों के मुताबिक, पिछले कई हफ्तों से ईंधन की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है.

हालांकि कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब भी स्थिर बनी हुई हैं. आइए जानते हैं आज देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के क्या रेट हैं, और आखिर क्यों अलग-अलग जगहों पर कीमतें भिन्न होती हैं.

कीमतें हर जगह अलग क्यों होती हैं?

भारत में ईंधन की कीमतें एक समान नहीं होतीं. इसके पीछे कई आर्थिक और प्रशासनिक कारण हैं.

  • अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Prices): पेट्रोल और डीजल का आधार कच्चा तेल होता है. जैसे ही वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल महंगा होता है, उसका असर भारतीय ईंधन दरों पर पड़ता है.
  • रुपया बनाम डॉलर विनिमय दर (Rupee vs Dollar): भारत लगभग 85% कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है. डॉलर मजबूत होने पर आयात महंगा पड़ता है, जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं.
  • सरकारी टैक्स और उपकर (Taxes & Duties): केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर अलग-अलग दर से टैक्स लगाती हैं. यही वजह है कि दिल्ली, मुंबई या जयपुर में दामों में अंतर रहता है.
  • रिफाइनिंग और परिवहन लागत (Refining & Transportation Cost): कच्चे तेल को ईंधन में बदलने और देशभर में पहुंचाने की प्रक्रिया में लगने वाली लागत भी कीमतों को प्रभावित करती है.
  • मांग और आपूर्ति (Demand & Supply): त्योहारों, मौसम या औद्योगिक गतिविधियों के दौरान मांग बढ़ने पर दरों में हल्का बदलाव हो सकता है.

पिछले दो साल से कीमतें स्थिर क्यों हैं?

मई 2022 में केंद्र सरकार और कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स घटा दिए थे. इसके बाद से ईंधन की दरों में स्थिरता बनी हुई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारतीय उपभोक्ताओं को बड़े मूल्य परिवर्तन का सामना नहीं करना पड़ा है. यह स्थिरता न केवल आम लोगों को राहत देती है, बल्कि परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखने में भी मददगार रही है.

उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?

ईंधन की कीमतों में स्थिरता से महंगाई दर पर नियंत्रण रहता है और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलती है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अचानक उछाल आता है या रुपया कमजोर होता है, तो भविष्य में कीमतों पर असर पड़ सकता है.

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