Personal Loan लेने जा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगी परेशानी

Personal Loan को तत्काल वित्तीय जरूरतों से निपटने के लिए सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है. इस तरह के लोन की मदद से आप कई उद्देश्यों को पूरा कर सकते है.

By Samir Kumar | May 3, 2023 5:08 PM

Personal Loan Tips: पर्सनल लोन को तत्काल वित्तीय जरूरतों से निपटने के लिए सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है. इस तरह के लोन की मदद से आप कई उद्देश्यों को पूरा कर सकते है. अगर आप भी पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले आपको कुछ जरूरी चीजों की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है.

लोन की प्रोसेसिंग फीस (Loan Processing Charges)

ज्यादातर बैंकों में पर्सनल लोन पर आपसे ब्याज दर के अलावा प्रोसेसिंग फीस लिया जाता है. प्रोसेसिंग फीस नॉन रिफंडेबल होती है. यानि, अगर आपका लोन कैंसिल भी हो जाता है तो आपको इसका रिफंड नहीं मिलेगा. यह अक्सर एक छोटा सा शुल्क होता है जो कुल लोन राशि का 0.5 से 2.50 प्रतिशत तक होता है. इसके साथ ही प्रोसेसिंग फीस पर 18 फीसदी जीएसटी भी चार्ज किया जाता है.

वेरिफिकेशन चार्ज (Verification charge)

बैंक आपको लोन देने से पहले एक बार ये जांच परख जरूर करता है कि लोन लेने वाले के पास इसकी भरपाई करने की क्षमता है या नहीं. आपकी साख को सत्यापित करने के लिए किसी तीसरे पक्ष संगठन को भुगतान करते हैं और वो आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री को देखते हैं. इन सब में जो खर्च होता है, उसकी लागत को लोन लेने वाले से वसूला जाता है.

ईएमआई स्किप होने पर जुर्माना (Fine on EMI defaults)

लोन की ईएमआई अगर एक बार शुरू हो जाए तो उसे समय पर चुकाना होता है. इस बीच, किसी कारण से अगर आप ईएमआई चुकाने में असमर्थ हो जाते है तो आपसे इसका जुर्माना वसूला जा सकता है. इसलिए कोशिश करके लोन समय पर चुकाएं. कोटक महिंद्रा बैंक ईएमआई बाउंस शुल्क के लिए 500 रुपये से अधिक चार्ज करता है. वहीं, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक प्रति ईएमआई बाउंस पर 400 रुपये तक का शुल्क लेता है.

जीएसटी (GST Tax)

ग्राहक को अगर लोन स्वीकृति या रीपेमेंट पीरियड के दौरान अतिरिक्त सेवाओं की जरूरत होती है तो उसे जीएसटी कर तौर पर छोटा सा अमाउंट देना पड़ता है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अनुसार, सभी सेवा शुल्कों पर लागू जीएसटी लागू होगा.

प्रीपेमेंट पेनल्‍टी (Prepayment/Foreclosure penalty)

अगर आप लोन को समय से पहले ही चुका देना चाहते हैं तो बैंक इसके लिए आपसे प्रीपेमेंट पेनल्‍टी लेता है. ज्‍यादातर मामलों में ये 2 से 4 फीसदी तक हो सकता है.

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