Pension Hike: आज से भूख हड़ताल पर जा सकते हैं पेंशनधारक, न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करने की मांग

Pension Hike: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत पेंशनभोगियों को इस समय 1,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन मिलती है. यह पेंशन सितंबर, 2014 में लागू नियमों के मुताबिक दी जा रही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2024 8:09 AM

Pension Hike: ईपीएस 95 के तहत पेंशन पाने वाले पेंशनधारक लंबे समय से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. विभिन्न स्थानों पर उनके द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. मगर अब, सेवानिवृत्ति कोष प्रबंधक ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग को लेकर पेंशनभोगियों ने मंगलवार को भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत पेंशनभोगियों को इस समय 1,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन मिलती है. यह पेंशन सितंबर, 2014 में लागू नियमों के मुताबिक दी जा रही है. पेंशनभोगियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे 31 जनवरी को भूख हड़ताल शुरू करेंगे. देशभर से 50,000 से अधिक पेंशनभोगियों के इस आंदोलन में शामिल होने की उम्मीद है. ईपीएफओ के आंकड़े से पता चलता है कि देशभर में 78 लाख पेंशनभोगी हैं.

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आश्वासन के बाद भी नहीं मिला पेंशन

पेंशनभोगियों की मांगों के लिए संघर्षरत समिति ने बयान में कहा कि ईपीएस-95 की राष्ट्रीय आंदोलन समिति के नेतृत्व में पेंशनभोगी न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने एवं अन्य लाभों की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर 31 जनवरी से दूसरी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे. समिति ने कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव के आश्वासन के बावजूद उनकी मांगें पूरी नहीं की गयी हैं. समिति के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा कि यह हमारी अंतिम चेतावनी है. बार-बार आश्वासन देने के बावजूद हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम आमरण अनशन करेंगे. इससे पहले 31 जनवरी से राज्यवार क्रमिक भूख हड़ताल-प्रदर्शन शुरू होगा.

1.16 प्रतिशत पेंशन में कोष में जाता

अशोक राउत राउत ने कहा कि 30 साल तक काम करने और ईपीएस-आधारित पेंशन योजना में लगातार अंशदान देने के बाद कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम राशि मिल रही है कि उनका और उनके परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल है. मौजूदा मानदंडों के तहत ईपीएस-95 योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारी के मूल वेतन का 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जाता है, जबकि नियोक्ता का 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा सरकार भी कर्मचारी के पेंशन कोष में 1.16 प्रतिशत का अंशदान देती है.

क्या है EPS-95

कर्मचारी पेंशन योजना 16 नवंबर 1995 को लागू हुई. यह योजना कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारियों पर लागू होती है, जिन पर 1952 विविध प्रावधान अधिनियम और कर्मचारी भविष्य निधि लागू होते हैं. ये कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा शुरू की गई एक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजना है. कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद लाभ पहुंचाना है. ईपीएफओ प्रशासन का प्रबंधन करता है और 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने में सहायता करता है. ईपीएस लाभ नए और मौजूदा दोनों ईपीएफ सदस्यों के लिए उपलब्ध हैं. यहां, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योजना में मूल वेतन और डीए सहित कर्मचारी के वेतन का 12% योगदान करते हैं. हर महीने कर्मचारी का पूरा योगदान EPF में जमा होता है. इसके बाद, नियोक्ता का 8.33% योगदान ईपीएस में जाता है, और शेष 3.67% ईपीएफ में जाता है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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