Loan Moratorium : आपके लोन के ब्याज पर ब्याज से राहत मिलेगी या नहीं? अब ऐसे फैसला करेगी सरकार…

देश में लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान आरबीआई (RBI) की ओर से ऋण अधिस्थगन (Loan Moratorium) के जरिए कर्जदारों को लोन के किस्त भुगतान से दी गयी छूट (EMI Moratorium) के दौरान बैंक ब्याज पर ब्याज वसूलेंगे या नहीं, इसका फैसला अब सरकार की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति (Expert committee) करेगी. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बैंक कर्ज की किस्त चुकाने पर दी गयी छूट अवधि में कर्जदारों को ब्याज से राहत (Interest relief) और ब्याज पर ब्याज से राहत (Relief to Interest on interest) सहित अन्य मुद्दों पर समग्र रूप से आकलन करने के लिए पूर्व कैग राजीव महर्षि की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 11, 2020 5:17 PM

Loan Moratorium : देश में लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान आरबीआई (RBI) की ओर से ऋण अधिस्थगन (Loan Moratorium) के जरिए कर्जदारों को लोन के किस्त भुगतान से दी गयी छूट (EMI Moratorium) के दौरान बैंक ब्याज पर ब्याज वसूलेंगे या नहीं, इसका फैसला अब सरकार की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति (Expert committee) करेगी. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बैंक कर्ज की किस्त चुकाने पर दी गयी छूट अवधि में कर्जदारों को ब्याज से राहत (Interest relief) और ब्याज पर ब्याज से राहत (Relief to Interest on interest) सहित अन्य मुद्दों पर समग्र रूप से आकलन करने के लिए पूर्व कैग राजीव महर्षि की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गयी है कि समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दे देगी. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) समिति को सचिवालय की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. समिति इस बारे में बैंकों और अन्य संबद्ध पक्षों से भी विचार-विमर्श कर सकेगी.

भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Ex CAG) राजीव महर्षि की अध्यक्षता में गठित समिति में दो अन्य सदस्य आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व प्रोफेसर और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के पूर्व सदस्य डॉ रविन्द्र ढोलकिया, भारतीय स्टेट बैंक और आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी श्रीराम शामिल हैं. समिति कोविड-19 अवधि के दौरान कर्ज किस्त पर दी गयी छूट अवधि में ब्याज और ब्याज पर ब्याज से राहत दिये जाने का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगी.

समिति समाज के विभिन्न वर्गों पर पड़ने वाले वित्तीय संकट को कम करने और उपायों के बारे में भी सुझाव देगी. मौजूदा स्थिति में और भी कोई सुझाव अथवा विचार समिति सौंप सकेगी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि लॉकडाउन अवधि के ब्याज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में कई तरह की चिंताओं को उठाया गया है. यह मामला गजेंद्र शर्मा ने भारत सरकार और अन्य के खिलाफ दायर किया है.

सुप्रीम कोर्ट दायर याचिका में छूट अवधि के दौरान ब्याज, ब्याज पर ब्याज और अन्य संबंधित मुद्दों में राहत दिये जाने का आग्रह किया गया है. सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने इसी के मद्देनजर इस पूरे मामले पर समग्र आकलन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, ताकि इस संबंध में बेहतर फैसला किया जा सके.

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Posted By : Vishwat Sen

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