Net Banking 2.0: ऑनलाइन पेमेंट और होगा आसान, एनपीसीआई की एमडी नूपुर चतुर्वेदी से समझिए नया सिस्टम
Net Banking 2.0: नेट बैंकिंग 2.0 भारत में ऑनलाइन पेमेंट को आसान और सुरक्षित बनाने की बड़ी पहल है. एनपीसीआई की एमडी और सीईओ नूपुर चतुर्वेदी के अनुसार, नया सिस्टम यूजर्स को सीधे उनके बैंकिंग ऐप पर ले जाकर पेमेंट अनुभव को तेज, भरोसेमंद और मोबाइल-फर्स्ट बनाता है. डायनामिक क्यूआर कोड, एआई-एमएल आधारित फ्रॉड रोकथाम, और तीन नए पेमेंट विकल्पों की मदद से नेट बैंकिंग और पारदर्शी तथा सुविधाजनक होगी. यह बदलाव डिजिटल ट्रांज़ैक्शन को नई दिशा देगा.
Net Banking 2.0: भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है और इसी बदलाव के बीच नेट बैंकिंग अब नए रूप में वापस आने की तैयारी कर रही है. एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड की एमडी और सीईओ नूपुर चतुर्वेदी ने नेट बैंकिंग 2.0 को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिससे ऑनलाइन पेमेंट का अनुभव और सरल तथा सुरक्षित होने की उम्मीद है. आइए समझते हैं कि यह नया सिस्टम कैसे यूजर्स के डिजिटल ट्रांजैक्शन को बदल देगा.
पुराना नेट बैंकिंग सिस्टम क्यों हो गया था मुश्किल?
नूपुर चतुर्वेदी के मुताबिक, मौजूदा नेट बैंकिंग सिस्टम में कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिनकी वजह से यूजर्स पेमेंट पूरा नहीं कर पाते. ट्रांजैक्शन के दौरान यूजर को बैंक के वेबपेज पर रीडायरेक्ट किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस वजह से आईडी और पासवर्ड याद न रहने से पेमेंट बीच में रुक जाता है. कई बार धीमे इंटरफेस या एरर के कारण ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है. इस प्रक्रिया की जटिलता ने कई यूजर्स को यूपीआई जैसे आसान तरीकों की ओर मोड़ दिया.
नेट बैंकिंग 2.0 क्या है?
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में नूपुर चतुर्वेदी ने कहा कि नया नेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म एक ऐसा सिस्टम है, जिसे मोबाइल-फर्स्ट एप्रोच के साथ डिजाइन किया गया है. उन्होंने कहा इसका उद्देश्य नेट बैंकिंग को पहले से अधिक आसान बनाना, सुरक्षित और तेज पेमेंट विकल्प देना और क्यूआर-बेस्ड पेमेंट को नेट बैंकिंग के साथ जोड़ना है. नया सिस्टम न केवल यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाता है, बल्कि बैंकों और पेमेंट नेटवर्क को भी एक आधुनिक डिजिटल फ्रेमवर्क देता है.
कैसे बदलेगा यूजर एक्सपीरियंस?
नूपुर चतुर्वेदी ने बताया कि नेट बैंकिंग 2.0 पूरी तरह यूजर-फ्रेंडली है. अब यूज़र को बैंक के वेबपेज पर रीडायरेक्ट नहीं किया जाएगा. उन्हें सीधे अपने बैंक के मोबाइल ऐप में भेजा जाएगा, जहां वे सुरक्षित और आसान तरीके से पेमेंट कर सकेंगे. चतुर्वेदी ने कहा, “कस्टमर को उनके अपने बैंकिंग ऐप पर भेज दिया जाता है और वे उसी ऐप की सुविधा और आइडेंटिफिकेशन से ट्रांजैक्शन पूरा कर सकते हैं.”
क्यूआर-बेस्ड पेमेंट की सुविधा
भारत में क्यूआर पेमेंट सबसे तेजी से अपनाए गए डिजिटल पेमेंट तरीकों में से एक है. इसी को देखते हुए नेट बैंकिंग 2.0 में क्यूआर सुविधा शामिल की गई है. नया सिस्टम ट्रांजैक्शन के दौरान डायनामिक क्यूआर कोड जेनरेट करता है. इसके बाद, यूजर अपने बैंक ऐप से इस क्यूआर को स्कैन कर पेमेंट पूरा कर सकता है. यह तरीका तेज, आसान और कम गलतियों वाला है. यह स्टेप उन यूजर्स को मदद करता है, जो क्यूआर पेमेंट में सहज महसूस करते हैं.
मोबाइल-फर्स्ट एप्रोच क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसी पैटर्न को देखते हुए नेट बैंकिंग 2.0 को पूरी तरह मोबाइल-केंद्रित बनाया गया है. इससे तेज लोडिंग, सरल नेविगेशन, बेहतर सुरक्षा और क्यूआर स्कैन विकल्प जैसी सुविधाएं मिलेंगी. इन सभी के साथ यह पेमेंट एक्सपीरियंस को बिल्कुल नए स्तर पर ले जाता है.
बैंक और पेमेंट ऐप्स की भागीदारी बढ़ेगी
नूपुर चतुर्वेदी ने कहा कि एनपीसीआई का फोकस किसी खास नंबर पर नहीं है. उनका लक्ष्य अधिक से अधिक बैंक, फिनटेक कंपनियां और पेमेंट प्लेयर्स को इस नए सिस्टम से जोड़ने का है. जितनी अधिक भागीदारी होगी, उतना ही मजबूत और भरोसेमंद पेमेंट नेटवर्क बनेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में नेट बैंकिंग के जरिए हर महीने लगभग 300 मिलियन ट्रांजैक्शन होते हैं. नेट बैंकिंग 2.0 आने के बाद यह संख्या और ऊपर जाएगी.
सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए गए?
डिजिटल फ्रॉड में बढ़ोतरी को देखते हुए एनपीसीआई ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. नूपुर चतुर्वेदी ने कहा कि फ्रॉड रोकथाम के लिए एआई और एमएल जैसी एडवांस्ड तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. नई सुरक्षा सुविधाओं में संदिग्ध ट्रांजैक्शन होने पर बैंक को तुरंत अलर्ट भेजना, फ्रॉड मैसेज को पहचानकर ट्रिगर करना, सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए सेंट्रल सेटलमेंट सिस्टम और यूजर्स डेटा को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना शामिल है. इस सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के कारण फ्रॉड की पहचान पहले से कहीं आसान हो जाती है.
यूजर्स को क्या-क्या विकल्प मिलेंगे?
नेट बैंकिंग 2.0 में ग्राहकों को तीन पेमेंट विकल्प दिए जाएंगे. इनमें अपने बैंक ऐप से पेमेंट पूरा करना, डायनामिक क्यूआर कोड स्कैन करना और अगर बैंक ने नया सिस्टम लागू नहीं किया है, तो पुरानी नेट बैंकिंग वेबसाइट का उपयोग करना शामिल हैं. इससे यूजर्स को बिना किसी बाधा के पेमेंट जारी रखने की सुविधा मिलती है.
ट्रांसपेरेंसी और आसान शिकायत निवारण
नया सिस्टम ग्राहकों को यह सुविधा देगा. इनमें ट्रांजैक्शन स्टेटस की साफ जानकारी, शिकायतों पर तेज समाधान, चार्जबैक टाइमलाइन की स्पष्टता और मर्चेंट सेटलमेंट की पूरी जानकारी यानी पूरा इकोसिस्टम अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से काम करेगा.
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नेट बैंकिंग से 2.0 कैश भुगतान अलग
नूपुर चतुर्वेदी ने साफ किया कि पहले कैश पेमेंट के बारे में जो बयान चर्चा में आया था, वह सिर्फ बिल पेमेंट सिस्टम से जुड़ा था और आज लॉन्च हुए नेट बैंकिंग 2.0 प्लेटफॉर्म से उसका कोई संबंध नहीं है. नेट बैंकिंग 2.0 भारतीय डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है. यह न केवल पेमेंट विकल्पों को आधुनिक बनाता है, बल्कि यूजर एक्सपीरियंस, सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी को नए स्तर पर ले जाता है. तेज, आसान और सुरक्षित पेमेंट का यह नया मॉडल आने वाले समय में नेट बैंकिंग को फिर से मुख्यधारा में ला सकता है.
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