मोदी सरकार ने किसानों को दिया तोहफा : धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 143 रुपये की बढ़ोतरी की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में 2023-24 के फसल वर्ष के लिए खरीफ (गर्मियों) की सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी गई.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 7, 2023 3:16 PM

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने देश के किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले में धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है. इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है.

समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में 2023-24 के फसल वर्ष के लिए खरीफ (गर्मियों) की सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी गई. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सीसीईए की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि कृषि क्षेत्र में हम कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर समयबद्ध तरीके से एमएसपी तय करते हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस साल एमएसपी में अधिक बढ़ोतरी की गई है.

किसानों को होगा फायदा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसे समय जबकि खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आ रही है, एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 143 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये से 2,183 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. ‘ए’ ग्रेड के धान का एमएसपी 163 रुपये बढ़ाकर 2,203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत की वृद्धि मूंग में की गई है. मूंग का एमएसपी अब 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. पिछले साल यह 7,755 रुपये प्रति क्विंटल था.

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जून-सितंबर में मानसून सामान्य रहने का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार, धान खरीफ की प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मानसून के आगमन के साथ शुरू होती है. भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि अल नीनो प्रभाव के बावजूद इस साल जून-सितंबर के दौरान मानसून सामान्य रहेगा.

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