कम जोखिम में ज्यादा लाभ, पढ़ें कहां और कैसे करें निवेश

ईटीएफ उन निवेशकों के लिए इक्विटी में एक्सपोजर लेने का एक उत्कृष्ट, सुविधाजनक, सबसे सस्ता तरीका है, जिनके पास लंबी अवधि के लक्ष्य हैं और बिना ज्यादा जोखिम उठाए इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2021 1:14 PM

इक्विटी के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ गया है. बड़ी संख्या में निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं और बेहतर रिटर्न पाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन वे बाजार के जोखिम को लेकर चिंतित भी रहते हैं. बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करते हुए बेहतर रिटर्न पाने का एक बेहतर विकल्प है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ. पढ़ें गुरजीत सिंह कालरा हेड, ईटीएफ सेल्स, आइसीआइसीआइ प्रू एएमसीई की एक्सपर्ट राय

ईटीएफ उन निवेशकों के लिए इक्विटी में एक्सपोजर लेने का एक उत्कृष्ट, सुविधाजनक, सबसे सस्ता तरीका है, जिनके पास लंबी अवधि के लक्ष्य हैं और बिना ज्यादा जोखिम उठाए इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं. ईटीएफ की डायविर्सिफिकेशन इसे व्यक्तिगत स्टॉक की तुलना में कम अस्थिर बनाती है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान, प्रत्यक्ष निवेश के विपरीत, इंडेक्स फंड में उतार-चढ़ाव का कम प्रभाव दिखता है.

Also Read: विदेशी निवेश के अनुकूल है भारत

ईटीएफ में निवेश करके, निवेश जोखिम या अतिरिक्त तनाव के बिना बाजार से जुड़े रिटर्न को प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा, ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं और डीमैट खाते के माध्यम से बाजार के कारोबारी समय में कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है.

बाजार में सीधे निवेश की चुनौती

शेयर बाजार कई कारणों से अस्थिर होता है. ये कारण बाजार की भावनाओं को प्रभावित करते हैं. एक खुदरा निवेशक के लिए, उन सभी कारकों पर अपडेट बने रहना संभव नहीं हो सकता है. तेज और अक्सर नकारात्मक मूल्य परिवर्तनों का निवेशक के इक्विटी निवेश अनुभव पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. अपेक्षित ज्ञान और अनुभव के बिना, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

ईटीएफ है समाधान

इस तरह के नकारात्मक अनुभव को कम करने के लिए, ईटीएफ का उपयोग करना एक विवेकपूर्ण निर्णय है. अधिकांश ईटीएफ इंडेक्स फंड होते हैं, यानी वे स्टॉक मार्केट इंडेक्स के समान सिक्योरिटीज रखते हैं. चूंकि वे इंडेक्स होल्डिंग्स को दोहराते हैं, इसलिए वे अंतर्निहित इंडेक्स के समान रिटर्न उत्पन्न करते हैं. उदाहरण के लिए, निफ्टी 50 इंडेक्स ईटीएफ, निफ्टी 50 के सभी शेयरों को इंडेक्स के समान अनुपात में रखता है. नतीजतन, यह निफ्टी 50 इंडेक्स द्वारा उत्पन्न रिटर्न को ही दिखाता है. इसी तरह, बीएसइ 500 ईटीएफ 500 कंपनियों में निवेश करता है और निवेशकों को भी बीएसइ 500 ईटीएफ में निवेश करके उनमें भाग लेने का मौका देता है.

निवेश जोखिम को करता है कम

ईटीएफ के माध्यम से निवेश कर निवेशक डायवर्सिफाइड तरीके से इक्विटी में निवेश का अनुभव और निवेश जोखिम को समायोजित करते हुए रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. यह बाजार के भावनात्मक पूर्वाग्रह और खास स्टॉक से जुड़े जोखिम को भी कम करता, जबकि प्रत्यक्ष निवेश में जोखिम अधिक होता है.

Also Read: कहां निवेश करते हैं आप अपनी गाढ़ी कमाई, इन तीन बैंकों में मिल रहा है बंपर ब्याज, पढ़ लें ये जरूरी खबर

बढ़ रही ईटीएफ निवेशकों की संख्या

पिछले एक साल से, भारत में निवेशक ईटीएफ को लेकर काफी उत्साहित हैं. ईटीएफ फोलियो की संख्या 19 लाख से बढ़कर 42.5 लाख हो गयी है, और इसी तरह एयूएम 1.5 लाख करोड़ से बढ़ कर 2.8 लाख करोड़ रुपया हो गया है.

मिलता है डायवर्सिफिकेशन का लाभ

ईटीएफ की दुनिया में विभिन्न प्रकार के विकल्प रहते हैं. ऐसे ईटीएफ हैं, जो मार्केट कैप आधारित हैं जैसे निफ्टी ईटीएफ, सेंसेक्स ईटीएफ, मिडकैप ईटीएफ, बीएसई 500 ईटीएफ इत्यादि. इसके अलावा, आइटी, बैंक, हेल्थकेयर इत्यादि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर आधारित ईटीएफ भी होते हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई निवेशक एक सेक्टर पर बुलिश है, जैसे आइटी सेक्टर, और आइटी कंपनियों के एक समूह का एक्सपोजर लेना चाहता है, तो आइटी ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प उपलब्ध होता है.

Next Article

Exit mobile version