Joint ITR: टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव ! Married Couples को मिलेगा डबल फायदा, जानिए कैसे
Joint ITR: संयुक्त ITR का प्रस्ताव भारत के मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ा वित्तीय बदलाव साबित हो सकता है. दोगुनी कर छूट, सरल कंप्लायंस और कम टैक्स बोझ जैसे फायदे इस मॉडल को आकर्षक बनाते हैं. अगर लागू हुआ, तो यह प्रणाली घरेलू बचत, निवेश और उपभोग को मजबूत करते हुए टैक्स ढांचे को और अधिक न्यायसंगत बना सकती है.
Joint ITR: भारत में मध्यम वर्ग को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने संयुक्त आयकर रिटर्न (Joint ITR) का प्रस्ताव रखा है. इस व्यवस्था से विवाहित दंपत्ति एक ही ITR दाखिल कर सकेंगे, जिसमें उनकी कुल आय और कटौतियां एक साथ शामिल होंगी. यह अमेरिका और ब्रिटेन की टैक्स प्रणाली की तर्ज पर तैयार किया गया मॉडल है, जिसका उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को आसान करना और मध्यम वर्ग को अधिक टैक्स राहत देना है.
संयुक्त ITR क्या है? (What is Joint ITR?)
नई प्रस्तावित प्रणाली में पति-पत्नी को यह विकल्प मिलेगा कि वे अपनी आय को एक साथ जोड़कर एक ही रिटर्न भरें. इससे उनकी टैक्स योग्य आय कम हो सकती है और कई मामलों में प्रभावी टैक्स स्लैब भी बदल जाएगा. यह सुविधा पूरी तरह वैकल्पिक होगी। यानी दंपत्ति हर साल अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार जॉइन्ट या व्यक्तिगत ITR में से किसी एक को चुन सकेंगे.
मुख्य विशेषताएं (Key Features of Proposed Joint ITR)
- वैकल्पिक व्यवस्था: दंपत्ति चाहें तो एक कर इकाई (single tax unit) के रूप में मूल्यांकन करा सकते हैं.
- दोगुनी कर छूट: व्यक्तिगत ITR में 3 लाख की बेसिक छूट होती है, जबकि संयुक्त ITR में यह सीमा 6 लाख तक बढ़ जाएगी.
- संशोधित टैक्स स्लैब (Revised Tax Slabs) : नई प्रणाली में टैक्स स्लैब अधिक प्रगतिशील होंगे. उच्च आय वर्ग के लिए सरचार्ज सीमा भी मौजूदा ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दी जाएगी.
- हर साल विकल्प बदलने की स्वतंत्रता: अगर किसी साल संयुक्त ITR फायदे का है तो दंपत्ति उसे चुन सकते हैं. अगले साल अलग से ITR फाइल करने का विकल्प भी खुला रहेगा.
संयुक्त ITR के टैक्स स्लैब (Proposed Joint ITR Tax Slabs)
| आय सीमा (₹) | टैक्स दर (%) | सरचार्ज (आय के अनुसार) |
|---|---|---|
| 0–6,00,000 | 0% | ₹1 करोड़ तक – कोई सरचार्ज नहीं |
| 6,00,001–14,00,000 | 5% | ₹1–2 करोड़ – 10% |
| 14,00,001–20,00,000 | 10% | ₹2–4 करोड़ – 15% |
| 20,00,001–24,00,000 | 15% | ₹4 करोड़ से ऊपर – 25% |
| 24,00,001–30,00,000 | 20% | — |
| 30,00,000 से अधिक | 30% | — |
संयुक्त ITR का प्रस्ताव मध्यम वर्ग को सीधे आर्थिक राहत देने वाला कदम साबित हो सकता है. इससे घर-परिवार में बचत बढ़ेगी, निवेश करने की क्षमता मजबूत होगी और बाजार में उपभोग भी तेज होगा, जिससे संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
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