Investment For Kids: क्या आप भी करना चाहते हैं अपने बच्चों का हर सपना पूरा? जानिए अब कैसे है संभव
Investment For Kids: आज के माता-पिता बच्चों के भविष्य को लेकर अक्सर देर से सोचते है, जबकि सही समय बहुत पहले ही निकल जाता है. यह आर्टिकल बताता है कि बच्चों के लिए निवेश कब शुरू करना चाहिए, क्यों जल्दी शुरुआत सबसे बड़ा फायदा देती है और कैसे छोटी-छोटी रकम समय के साथ बड़ा फंड बना सकती है. जानिए कि बच्चों के भविष्य के लिए निवेश कैसे सोच-समझकर किया जाए, क्यों लंबे समय में इक्विटी अहम होती है, नियमित निवेश कैसे बड़ा सहारा बनता है और किस तरह आप बिना पैसों की चिंता किए अपने बच्चों के सपनों को पूरा कर सकते हैं.
Investment For Kids: आज की युवा पीढ़ी जब अपने भविष्य के सपनों की बात करती है तो करियर, ट्रैवल और लाइफस्टाइल सबसे पहले दिमाग में आता हैं. लेकिन जब यही युवा आगे चलकर माता-पिता बनते हैं, तब एक सबसे बड़ा सवाल सामने आता है की बच्चों के भविष्य की तैयारी कब और कैसे शुरू की जाए? अक्सर इस बारे में माता-पिता तब सोचते हैं जब बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने लगते है, पढ़ाई के लिए विदेश चले जाते है या फिर उनकी शादी की उम्र हो जाती है. तब ये खर्च अचानक से इतने बड़े लगते है मानो कोई पहाड़ खड़ा हो गया हो. और बात भी सही है की महंगाई के इस जमाने में ऐसे समय में तब समय कम भी लगता है और रकम भी बहुत बड़ी लगती है. असल में बच्चों के लिए निवेश का सही समय वही होता है जब वे बहुत छोटे होते हैं. आइये जानते हैं की कब और कैसे आपको अपने बच्चों के लिए निवेश करना शुरू कर देना चाहिए.
जल्दी शुरुआत क्यों बदल देता है सब कुछ?
बच्चों के लिए जल्दी निवेश करना मुनाफा कमाने की दौड़ नहीं है. यह समय को अपना साथी बनाने की समझदारी है. छोटी-छोटी रकम अगर सालों तक निवेश में लगी रहे, तो वही पैसा धीरे-धीरे बड़ा आकार ले लेता है. बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन लंबा समय होने की वजह से नुकसान की भरपाई भी हो जाती है. देर से शुरुआत करने वाले माता-पिता को अक्सर ज्यादा जोखिम या कर्ज का सहारा लेना पड़ता है.
क्या बच्चों का पैसा अलग रखना जरूरी है?
अक्सर लोग अपने बच्चों के भविष्य के पैसों को घर की आम बचत में मिला देते हैं. इससे न तो साफ लक्ष्य बन पाता है और न ही सही योजना. अगर बच्चों के लिए अलग निवेश रखा जाए, तो यह साफ रहता है कि यह पैसा किस लिए है और कब तक बढ़ना है. इससे भावनाओं में बहकर गलत फैसले लेने से भी बचाव होता है.
किस तरह का निवेश समझदारी भरा है?
लंबे समय के लिए इक्विटी आधारित निवेश बच्चों के लक्ष्यों के लिए मजबूत आधार बन सकता है. समय के साथ जब लक्ष्य पास आने लगे, तो सुरक्षित विकल्पों की ओर धीरे-धीरे रुख किया जा सकता है. सिर्फ गारंटीड रिटर्न पर निर्भर रहना अक्सर महंगाई के आगे कमजोर पड़ जाता है.
परफेक्ट प्लान या नियमित आदत?
ज्यादातर लोग सही प्रोडक्ट ढूंढने में उलझ जाते हैं, लेकिन असली ताकत नियमित निवेश में होती है. हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश और साल दर साल उसे बढ़ाना, लंबे समय में बड़ा फर्क पैदा करता है.
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