जनवरी के आखिर से प्रीमियम भरना हो जाएगा महंगा, कंपनियों ने दाम बढ़ाने कर ली है तैयारी

बताते चलें कि बीमा विनियामक इरडा ने पिछले साल ही कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद कंपनियों को इंश्योरेंस प्रीमियम में पांच फीसदी तक वृद्धि करने की इजाजत दे दी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2022 8:32 AM

नई दिल्ली : अगर आप बीमा प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो सावधान हो जाएं. जल्द ही आपके बीमे का प्रीमियम बढ़ने वाला है. मीडिया की रिपोर्ट्स को मानें, तो भारत की बीमा कंपनियों इसी जनवरी महीने की आखिर में प्रीमियम की राशि में बढ़ोतरी कर सकती हैं. इसके लिए उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है.

क्यों बढ़ रही प्रीमियम की रकम

बीमा प्रीमियम की रकम बढ़ाने के पीछे बीमा कंपनियों की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना महामारी की वजह से केवल उपभोक्ताओं की ही नहीं, बल्कि बीमा कंपनियों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं. इस महामारी के दौरान क्लेम्स की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है और अब बीमा लागत में भी इजाफा हो गया है. खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में इंश्योरेंस के क्लेम में खासा इजाफा हुआ है. इसलिए बीमा कंपनियां प्रीमियम की कीमत बढ़ाने की तैयारी में जुटी हुई हैं.

इरडा ने प्रीमियम में 5 फीसदी बढ़ोतरी की दी है इजाजत

बताते चलें कि बीमा विनियामक इरडा ने पिछले साल ही कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद कंपनियों को इंश्योरेंस प्रीमियम में पांच फीसदी तक वृद्धि करने की इजाजत दे दी थी. हालांकि, बीमा कंपनियों ने आनन-फानन में आम उपभोक्ताओं पर बोझ डालने के बजाय कुछ समय तक इंतजार करना बेहतर समझा, लेकिन अब कंपनियों का कहना है कि उनके पास इरडा के निर्देशों का अनुपालन करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है.

नए संक्रमण से भी बढ़ेगा खर्च

उधर, इरडा ने बीमा कंपनियों को यह निर्देश भी दिया है कि वे नए संक्रमण को भी क्लेम के दायरे में शामिल करें. अगर कंपनियां इरडा के निर्देशों का पालन करती हैं, तो लागत बढ़ेगी. ऐसी स्थिति में कंपनियों के पास दाम बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं बचता है.

कितना महंगा होगा प्रीमियम

इरडा ने अधिकतम पांच फीसदी प्रीमियम महंगा करने की पहले ही मंजूरी दे चुका है, लेकिन फिलहाल आम उपभोक्ताओं पर उतना बोझ पड़ने का अनुमान नहीं है. बीमा विशेषज्ञों की मानें तो इरडा की सीमा के बावजूद कंपनियां अपनी लागत, उस उत्पाद की अन्य कंपनियों की कीमत और अन्य बातों का आकलन करके दाम बढ़ाती है. ऐसे में सीधे तौर पर दो से तीन फीसदी का अंतर पड़ता है. जीएसटी की वजह से इसमें थोड़ा इजाफा हो सकता है.

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स्वास्थ्य बीमा पहले ही हो गया है महंगा

बीमा विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि स्वास्थ्य बीमा पहले ही बहुत महंगा हो चुका है. पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस में अभी ज्यादातर कंपनियों ने बढ़ोतरी नहीं की है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उपभोक्ताओं से जुड़ा है. उनका कहना है कि अगले महीने फरवरी में बजट पेश होना है. इसके मद्देनजर कंपनियां जनवरी में ही प्रीमियम को महंगा करने का जोखिम उठाने के बजाय थोड़ा और इंतजार कर सकती हैं.

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