ट्रंप के टैरिफ को पीएम मोदी का झटका, अगस्त में भारत के निर्यात में 9% की बढ़ोतरी

Indian Export Growth: ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बावजूद अगस्त 2025 में भारत के निर्यात में 9.34% की बढ़ोतरी दर्ज हुई. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वस्तु और सेवा दोनों क्षेत्रों ने मजबूती दिखाई, जिससे व्यापार घाटा घटकर 9.88 अरब डॉलर रह गया. अप्रैल-अगस्त अवधि में भी निर्यात में 6% वृद्धि हुई है. सरकार की पीएलआई योजना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने वाली नीतियों से भारत न केवल निर्यात बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा भी मजबूत कर रहा है.

By KumarVishwat Sen | September 15, 2025 5:36 PM

Indian Export Growth: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बावजूद अगस्त महीने के दौरान उसके निर्यात में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वैश्विक स्तर व्यापारिक दबाव और संरक्षणवादी नीतियों के बावजूद भारतीय उद्योगों और सेवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता लगातार मजबूत हो रही है. इसी का नतीजा है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से दुनिया में तेजी से उभरती भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने तमाम प्रयासों के बावजूद भारत के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

अगस्त 2025 के निर्यात में 9.34% की वृद्धि

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में भारत का कुल निर्यात (वस्तुएं और सेवाएं मिलाकर) 69.16 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 63.25 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 9.34% अधिक है. अगस्त महीने के दौरान भारत का वस्तु निर्यात 32.89 अरब डॉलर से बढ़कर 35.10 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, सेवा क्षेत्र का निर्यात 30.36 अरब डॉलर से बढ़कर 34.06 अरब डॉलर हो गया. ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ही नहीं, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर लगातार मजबूती हासिल कर रहा है.

व्यापार घाटे में उल्लेखनीय कमी

अगस्त 2025 में भारत का कुल आयात 79.04 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 84.99 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम है. इससे अगस्त का व्यापार घाटा घटकर 9.88 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 21.73 अरब अमेरिकी डॉलर था. यह कमी 50% से अधिक की गिरावट को दर्शाती है और भारत की संतुलित व्यापार नीति की ओर इशारा करती है.

अप्रैल-अगस्त 2025 के आंकड़े

वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान भारत का निर्यात 349.35 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (329.03 अरब अमेरिकी डॉलर) से 6.18% अधिक है. आयात में भी मामूली 2.5% की वृद्धि हुई है. अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल आयात 390.78 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. इस अवधि का संयुक्त व्यापार घाटा 41.42 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 52.27 अरब अमेरिकी डॉलर था. यह स्पष्ट करता है कि भारत न केवल निर्यात बढ़ा रहा है, बल्कि आयात पर निर्भरता घटाकर व्यापार घाटे में सुधार भी कर रहा है.

2024-25 का रिकॉर्ड निर्यात

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का कुल निर्यात 824.9 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गया. यह 2023-24 के 778.1 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 6.01 प्रतिशत अधिक है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वस्तु निर्यात करीब 437.42 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा. वहीं, सेवा क्षेत्र का निर्यात करीब 387.5 अरब अमेरिकी डॉलर (13.6% की वृद्धि के साथ ऐतिहासिक उच्च स्तर) के स्तर पर पहुंच गया. सेवा क्षेत्र में तेजी का बड़ा कारण आईटी, बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट और वित्तीय सेवाओं की मजबूत मांग रही.

व्यापार घाटे की स्थिति

हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यापार घाटा (वस्तु और सेवाएं) बढ़कर 94.26 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, लेकिन सरकार का ध्यान अब घाटे को नियंत्रित करते हुए निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर है. ट्रंप प्रशासन की ओर से लगाए गए टैरिफ के बावजूद भारतीय निर्यातक नए बाजार तलाशकर और प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर व्यापारिक चुनौतियों से पार पाने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकार के कदम और पीएलआई योजना का असर

भारत सरकार ने निर्यात बढ़ाने और उद्योगों को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू की गई. ग्लोबल सप्लाई चेन में एकीकरण के तहत भारत को एक विश्वसनीय सप्लाई हब बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए गए. आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर विदेशी सामानों पर निर्भरता घटाने की दिशा में कदम उठाए गए. इन कदमों का सीधा असर अगस्त के निर्यात आंकड़ों में देखने को मिला, जहां भारत ने न केवल अपने निर्यात में बढ़ोतरी की बल्कि व्यापार घाटे में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की.

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बड़े लक्ष्य हासिल कर सकता है भारत

भारत का निर्यात प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत नीतियों, बढ़ते उत्पादन और सेवाओं की वैश्विक मांग के बल पर भारत आने वाले वर्षों में और भी बड़े लक्ष्यों को हासिल कर सकता है. हालांकि, अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक मंदी जैसी चुनौतियां सामने हैं, लेकिन भारतीय उद्योगों की लचीलापन और सरकार की नीतिगत प्रतिबद्धता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

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