भारत का आर्थिक विकास दर 7.8% पर कैसे पहुंची? जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने बताए कारण

GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8% की जीडीपी वृद्धि दर्ज की है. जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा के अनुसार आर्थिक विकास में आई इस तेजी के पीछे कई कारण हैं. इसमें महंगाई में नरमी और ट्रंप प्रशासन की शुल्क नीतियों से निर्यात में सुधार प्रमुख हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि घरेलू मांग का संकेत नहीं देती. नोमुरा ने चेताया है कि आने वाली तिमाहियों में वृद्धि दर घट सकती है और नीतिगत सुधार जरूरी होंगे.

By KumarVishwat Sen | September 1, 2025 4:36 PM

GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में उल्लेखनीय तेजी दर्ज की है और जीडीपी वृद्धि दर 7.8% तक पहुंच गई है. जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने आर्थिक विकास की इस तेजी के पीछे कई अहम कारण बताएं हैं. नोमुरा के अनुसार यह तेजी मुख्य रूप से महंगाई में नरमी और वैश्विक व्यापार परिस्थितियों के चलते निर्यात में सुधार से संभव हुई है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि घरेलू मांग की मजबूती का संकेत नहीं है. आने वाले महीनों में टैरिफ वॉर और वैश्विक अनिश्चितताओं का असर दिखाई दे सकता है, इसलिए नीतिगत सुधार और मांग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है.

तेज आर्थिक विकास के कारण

जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.8% पर पहुंच गई. यह वृद्धि दर मजबूत घरेलू मांग का संकेत नहीं देती, बल्कि मुख्य रूप से महंगाई में नरमी और निर्यात में सुधार के कारण हासिल हुई है. नोमुरा का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों और टैरिफ वॉर के बाद भारत के निर्यात को अप्रत्याशित बढ़त मिली. इससे तिमाही आंकड़े तो बेहतर दिखे, लेकिन यह स्थायी मांग का प्रमाण नहीं है.

नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत

ब्रोकरेज फर्म ने चेतावनी दी है कि इतनी ऊंची वृद्धि दर से आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए. इसके लिए सरकार को कई कदम उठाने की जरूरत है. इन कदमों में रेपो रेट को 2025 के अंत तक आधा प्रतिशत घटाकर 5% करना, निर्यात में विविधता लाना, प्रभावित निर्यातकों को राजकोषीय और ऋण सहायता देना और सुधारों को प्रोत्साहन देना है. नोमुरा ने कहा है कि आने वाले समय में यह तेजी टिकाऊ नहीं रहेगी. तीसरी तिमाही में वृद्धि दर घटकर 6% और चौथी तिमाही में और नीचे जाकर 5.6% रहने का अनुमान है.

संशोधित जीडीपी अनुमान

पहली तिमाही की बेहतर वृद्धि को देखते हुए नोमुरा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना जीडीपी अनुमान 6% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है. हालांकि, फर्म का मानना है कि यह वृद्धि वास्तविक मांग नहीं, बल्कि सांख्यिकीय और बाहरी कारकों का परिणाम है. भारत की 7.8% जीडीपी वृद्धि दर फिलहाल उत्साहजनक है, लेकिन नीतिगत सुधार और घरेलू मांग को बढ़ावा दिए बिना यह रफ्तार लंबे समय तक कायम रहना मुश्किल होगा.

इसे भी पढ़ें: दुनियाभर में बजेगा भारत का डंका, आरबीआई गवर्नर ने कहा- जल्द बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

स्थायी विकास की राह

भारत की 7.8% जीडीपी वृद्धि फिलहाल उत्साहजनक है, लेकिन इसके पीछे अस्थायी कारण अधिक हैं. महंगाई में नरमी और निर्यात में बढ़त ने आंकड़ों को मजबूत किया, जबकि वास्तविक घरेलू मांग अभी भी उतनी प्रबल नहीं दिखती. नोमुरा का अनुमान है कि आने वाली तिमाहियों में वृद्धि दर धीरे-धीरे घट सकती है. ऐसे में सरकार के लिए जरूरी है कि वह नीतिगत सुधार, निर्यात विविधीकरण और घरेलू खपत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करे. तभी यह तेजी से स्थायी विकास में बदल पाएगी और भारत दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती हासिल कर सकेगा.

इसे भी पढ़ें: Explainer: व्यापार को हथियार बनाने में अमेरिका-चीन दोनों माहिर, तो फिर क्या करे भारत?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.