महंगाई इतनी कि 1 लाख में केवल 2 किलो आलू? जानिए कैसे हुआ ये सब…

Hyperinflation in venezuela : महंगाई की मार से केवल भारत के लोग ही आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं कर रहे हैं, बल्कि कभी अमीर देशों में शुमार दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला के लोग ज्यादा परेशान हैं. यहां के लोगों को एक कप चाय या कॉफी पीने के लिए थैली भरकर नोट ले जाना पड़ रहा है. आलम यह कि महंगाई की मार से जूझ रहे वेनेजुएला के लोगों के लिए रद्दी के बराबर रह गई करेंसी की दिक्कत को दूर करने के लिए यहां की सरकार अब बड़े नोट छापने जा रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, नकदी संकट की वजह से वेनेजुएला को बैंकनोट पेपर भी बाहर से मंगाना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 8, 2020 3:53 PM

Hyperinflation in venezuela : महंगाई की मार से केवल भारत के लोग ही आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं कर रहे हैं, बल्कि कभी अमीर देशों में शुमार दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला के लोग ज्यादा परेशान हैं. यहां के लोगों को एक कप चाय या कॉफी पीने के लिए थैली भरकर नोट ले जाना पड़ रहा है. आलम यह कि महंगाई की मार से जूझ रहे वेनेजुएला के लोगों के लिए रद्दी के बराबर रह गई करेंसी की दिक्कत को दूर करने के लिए यहां की सरकार अब बड़े नोट छापने जा रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, नकदी संकट की वजह से वेनेजुएला को बैंकनोट पेपर भी बाहर से मंगाना पड़ रहा है.

1,00,000 बोलिवर का बड़ा नोट जारी करने जा रही सरकार

रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला अब तक एक इटालियन कंपनी से 71 टन सिक्योरिटी पेपर खरीद चुका है. वेनेजुएला का केंद्रीय बैक अब 1,00,000 बोलिवर का नोट जारी करने जा रहा है. ये अब तक का सबसे बड़े मूल्य का नोट होगा. हालांकि, 1,00,000 बोलिवर के नोट की कीमत सिर्फ 0.23 डॉलर ही रहेगी. इसका मतलब यह कि इससे भी केवल दो किलो आलू ही खरीदा जा सकता है.

वेनेजुएला में अब तक 50,000 बोलिवर के बड़े नोट ही छपे हैं

वेनेजुएला में पिछले साल महंगाई दर एक अनुमान के मुताबिक 2400 फीसदी थी. इससे पहले भी, वेनेजुएला की सरकार ने 50,000 बोलिवर के नोट छापे थे. अब वेनेजुएला इससे भी बड़े नोट लाने की तैयारी कर रहा है. वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था लगातार 7वें साल मंदी का सामना कर रही है. इस साल कोरोना महामारी और तेल से होने वाले राजस्व में कमी की वजह से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था का आकार 20 फीसदी तक सिकुड़ सकता है. करेंसी को स्थिर करने के लिए सरकार ने अपने नोटों से जीरो कम कर दिए थे, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं.

2017 से ही वेनेजुएला में चरम पर है महंगाई

वेनेजुएला में साल 2017 से ही मंहगाई अपने चरम पर है. अधिकतर लोग जरूरत की सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं. शाम होते ही दुकानों में लूटपाट भी शुरू हो जाती है. 4 अंकों की मुद्रास्फीति की वजह से वेनेजुएला की मुद्रा का अब कोई मोल नहीं रह गया है. उपभोक्ता या तो प्लास्टिक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर करने को मजबूर हैं या फिर डॉलर का रुख कर रहे हैं, लेकिन बसों समेत कई सुविधाओं के लिए बोलिवर्स में ही भुगतान करना पड़ता है.

एक किलो मांस के लिए देने पड़ रहे हैं लाखों बोलिवर

वेनेजुएला में महंगाई का आलम यह है कि एक किलो मांस के लिए लाखों बोलिवर चुकाने पड़ रहे हैं. गरीबी और भुखमरी से बचने के लिए करीब 30 लाख लोग वेनेजुएला छोड़कर ब्राजील, चिली, कोलंबिया, एक्वाडोर और पेरू जैसे देशों में जाकर बस गए हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 33 वर्षीय रिनाल्डो रिवेरा भी अपनी पत्नी और 18 महीने के बेटे को लेकर वेनेजुएला छोड़कर चले गए हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वेनेजुएला में आप पूरे महीने काम करके सिर्फ दो दिन खा सकते हैं. यह जीने और मरने का सवाल था. या तो हम देश छोड़ते या फिर भूख से मर जाते.’

तेल के खेल में बर्बाद हुआ वेनेजुएला

2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत घटने के बाद वेनेजुएला समेत कई देश प्रभावित हुए. वेनेजुएला के कुल निर्यात में 96 फीसदी हिस्सेदारी अकेले तेल की है. चार साल पहले तेल की कीमत पिछले 30 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई. वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छापती रही, जिससे हाइपर मुद्रास्फीति की स्थिति पैदा हो गई और वहां की मुद्रा बोलिवर की कीमत लगातार घटती रही.

अपनी बर्बादी के लिए ओपेक देशों को जिम्मेदार ठहराता है वेनेजुएला

वेनेजुएला के राष्ट्रपति मदुरो अपने देश की आर्थिक खस्ताहाली के लिए ओपेक (तेल उत्पादक देशों का समूह) देशों के प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराते हैं. यूएस भी वेनेजुएला की सत्ता से मदुरो को बाहर निकालने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है. हालांकि, मदुरो के आलोचकों का कहना है कि दो दशकों तक मदुरो के शासनकाल में फैली अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की वजह से देश की ऐसी हालत हुई है.

Posted By : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version