GST Reforms: नमकीन, आइसक्रीम और पराठे होंगे सस्ते, इस तारीख से बदल जाएंगे GST के नियम
GST Reforms: 22 सितंबर से जीएसटी ढांचे में बड़ा बदलाव लागू होगा. अब नमकीन, आइसक्रीम और चीज पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इससे उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलेगी और खाने-पीने की ये चीजे और सस्ती होंगी.
GST Reforms: देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और आम उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने टैक्स ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं. अब 22 सितंबर से जीएसटी संरचना को सरल बनाते हुए केवल दो मुख्य स्लैब 5% और 18% रखे जाएंगे. इसके अलावा लक्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स जारी रहेगा.
इस कदम को सरकार ने “ऐतिहासिक दिवाली तोहफा” बताते हुए दावा किया है कि इससे महंगाई कम होगी, खपत बढ़ेगी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
12% से 5% पर आया टैक्स
अब तक कई रोजमर्रा के सामानों पर 12% जीएसटी लगता था, लेकिन नए नियमों के तहत इन्हें घटाकर 5% कर दिया गया है. इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा. अगर कंपनियां यह लाभ ग्राहकों तक पहुँचाती हैं तो लोगों को 6-7% तक की बचत हो सकती है.
नमकीन और भुजिया होंगे सस्ते
- पहले: 12% जीएसटी
- अब: 5% जीएसटी
नमकीन, भुजिया, मिक्सचर, चबेना और इसी तरह की अन्य पैक्ड स्नैक आइटम्स पर टैक्स घटाया गया है.
उदाहरण के लिए अगर किसी नमकीन के पैकेट की कीमत ₹100 है, तो पहले उस पर ₹12 टैक्स लगता था, जो अब केवल ₹5 होगा. यानी लगभग ₹7 की बचत.
आइसक्रीम का स्वाद और मीठा
पहले: 12% जीएसटी
अब: 5% जीएसटी
आइसक्रीम प्रेमियों के लिए भी खुशखबरी है. उदाहरण के लिए अगर ₹200 की आइसक्रीम टब पर पहले ₹24 टैक्स देना पड़ता था, जबकि अब केवल ₹10 देना होगा. यानी ग्राहक को लगभग ₹14 की बचत होगी. डेयरी प्रोडक्ट्स पर भी खासकर चीज (cheese) पर भी टैक्स घटाया गया है. उदाहरण के लिए अगर ₹400 की चीज ब्लॉक पर पहले ₹48 टैक्स लगता था, जबकि अब केवल ₹20 देना होगा. यानी सीधे ₹28 की बचत.
पैक्ड और फ्रोजन पराठा भी सस्ता
तैयार-खाने वाले (रेडी-टू-ईट) और फ्रोज़न पराठों पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा. अपीलीय प्राधिकरण फॉर एडवांस रूलिंग के अनुसार पैकेज्ड पराठे, जिन्हें गर्म करने के बाद ही खाया जा सकता है, रोटी या चपाती की श्रेणी में नहीं आते. रोटी पर 5% और पराठों पर पहले 18% टैक्स वसूला जाता था.
क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैक्स कटौती से नमकीन और स्नैक्स मार्केट को मजबूती मिलेगी. डेयरी और फ्रोजन फूड इंडस्ट्री में खपत बढ़ेगी. आम ग्राहकों की जेब पर बोझ कम होगा और सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि त्योहारी सीजन में खपत (consumption) तेज होगी, जिससे बाजार को नई ऊर्जा मिलेगी.
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