कटौती के दम पर सरकार बम-बम, सितंबर में जीएसटी कलेक्शन 1.89 लाख करोड़

GST Collection: सितंबर 2025 में जीएसटी संग्रह 1.89 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गया, जो सालाना आधार पर 9.1% और मासिक आधार पर 1.5% की वृद्धि दर्शाता है. जीएसटी दरों में बदलाव और 375 वस्तुओं पर छूट के कारण बिक्री बढ़ी और सरकारी खजाने में पैसों की बरसात हुई. सकल घरेलू राजस्व, आयात कर और रिफंड में भी वृद्धि दर्ज की गई. यह संकेत है कि जीएसटी 2.0 सुधार और युक्तिसंगत दरों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और निवेश को बढ़ावा दिया है.

By KumarVishwat Sen | October 1, 2025 7:24 PM

GST Collection: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में कटौती से सरकार के खजाने में पैसों की बरसात हो गई. बुधवार को सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि सितंबर 2025 में जीएसटी संग्रह 9% बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. जीएसटी दरों में कटौती करने और विभिन्न वस्तुओं पर छूट देने के कारण बिक्री में बढ़ोतरी हुई और जीएसटी संग्रह पर इसका सकारात्मक असर दिखाई पड़ा. इसी का नतीजा है कि सितंबर महीने में जीएसटी संग्रह में 9% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई.

जीएसटी संग्रह में सालाना और मासिक आधार पर बढ़ोतरी

सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 9.1% और मासिक आधार पर 1.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. सितंबर 2024 में सकल जीएसटी संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अगस्त 2025 में यह 1.86 लाख करोड़ रुपये था.

जीएसटी दरों में बदलाव का असर

22 सितंबर 2025 से लागू जीएसटी दरों में बदलाव के परिणाम स्वरूप 375 वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम हुई हैं. इसमें रसोई के सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दवाइयां और मोटर वाहन शामिल हैं. इस कदम के कारण उपभोक्ता मांग बढ़ी और जीएसटी संग्रह में उछाल आया.

सकल घरेलू राजस्व और आयात कर में वृद्धि

सितंबर 2025 में सकल घरेलू राजस्व 6.8% बढ़कर 1.36 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात कर 15.6% बढ़कर 52,492 करोड़ रुपये पहुंचा. इसके साथ ही जीएसटी रिफंड में भी सालाना आधार पर 40.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 28,657 करोड़ रुपये रहा.

शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.60 करोड़ रहा

सितंबर 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर लगभग 5% से अधिक है. जीएसटी संग्रह में इस बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि जीएसटी दरों में कटौती की उम्मीद के बावजूद आर्थिक गतिविधियों में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आई.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

डेलॉयट इंडिया के भागीदार एमएस मणि ने कहा कि सितंबर में सकल जीएसटी संग्रह में 1.89 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि अगस्त के दौरान जीएसटी दर में कटौती की उम्मीद ने आर्थिक लेनदेन को धीमा नहीं किया. उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये प्रति माह के करीब है. यह पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के औसत मासिक संग्रह 1.8 लाख करोड़ रुपये की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है.

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उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी

जीएसटी 2.0 सुधार और विभिन्न वस्तुओं में छूट से उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने में पैसों की बरसात हुई है. यह न केवल राजस्व संग्रह को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा.

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