पाकिस्तान पर फूटा एक्सपोर्टर बम : कंगाली के साथ खाना-पीना हो जाएगा बंद, जानिए क्या है कारण

नकदी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को जहाजरानी एजेंटों ने चेतावनी दी है कि विदेशी जहाजरानी कंपनियों उसके यहां अपनी सभी प्रकार की सेवाएं बंद करने का मूड बना रही हैं. अगर ऐसा हो जाता है, तो पाकिस्तान के आयात-निर्यात के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएंगे.

By KumarVishwat Sen | January 21, 2023 6:46 PM

इस्लामाबाद : कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान पर एक्सपोर्टरों ने तगड़ा बम फोड़ा है. यह बम ऐसा है, जिससे पाकिस्तान में कंगाली के साथ लोगों का खाना-पीना भी बंद हो जाएगा. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, नकदी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को जहाजरानी एजेंटों ने चेतावनी दी है कि विदेशी जहाजरानी कंपनियों उसके यहां अपनी सभी प्रकार की सेवाएं बंद करने का मूड बना रही हैं. अगर ऐसा हो जाता है, तो पाकिस्तान के आयात-निर्यात के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएंगे. ऐसी स्थिति में उसके यहां लोगों को खाने-पीने की चीजें भी ढंग से मयस्सर नहीं हो पाएंगी.

पाकिस्तानी बैंकों में डॉलर की कमी

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, जहाजरानी एजेंटों ने नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि विदेशी जहाजरानी कंपनियां उसके लिए अपनी सेवाएं बंद करने पर विचार कर रही हैं. ऐसी स्थिति में देश के सभी निर्यात ठप हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जहाजरानी कंपनियों ने कहा कि बैंकों ने डॉलर की कमी के चलते उन्हें माल ढुलाई शुल्क देना बंद कर दिया है.

पीएसएए ने वित्त मंत्री इशाक डार को लिखा पत्र

पाकिस्तान शिप एजेंट एसोसिएशन (पीएसएए) के चेयरमैन अब्दुल रऊफ ने वित्त मंत्री इशाक डार को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि जहाजरानी सेवाओं में कोई भी व्यवधान देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. एसोसिएशन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अंतरराष्ट्रीय व्यापार बंद कर दिया जाएगा, तो आर्थिक स्थिति और खराब हो जाए.

जहाजरानी कंपनियों को माल ढुलाई शुल्क देने की मांग

पाकिस्तान में अंग्रेजी के प्रमुख समाचार पत्र डॉन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएसएए चेयरमैन ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर जमील अहमद, वाणिज्य मंत्री सैयद नवीद नमार और समुद्री मामलों के मंत्री फैसल सब्जवारी को भी पत्र लिखकर इस स्थिति से अवगत कराया है. अब्दुल रऊफ ने संबंधित मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया कि वे संबंधित विदेशी जहाजरानी कंपनियों को माल ढुलाई शुल्क देने की अनुमति देकर पाकिस्तान के समुद्री व्यापार में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करें.

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