EPFO ने कोरोना काल में कर्मचारियों को दिया झटका, 2019-20 के लिए नहीं करेगा 8.5 फीसदी ब्याज का भुगतान

कोरोना काल में देश के निवासियों के हाथों में नकदी बढ़ाने के लिए जहां सरकार और अन्य वित्तीय संस्थान एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 6 करोड़ से अधिक अंशधारकों को करारा झटका देने वाला फैसला किया है. ईपीएफओ वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 6 करोड़ से अधिक सदस्य कर्मचारियों के खातों में निर्धारित 8.5 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान नहीं करेगा. अब वह 8.5 फीसदी की बजाए 8.15 फीसदी ही ब्याज सदस्य कर्मचारियों के खातों में डालेगा. बाकी ब्याज की बची हुई रकम इस साल के अंत में दिसंबर महीने तक डाली जा सकती है.

By Agency | September 9, 2020 7:41 PM

नयी दिल्ली : कोरोना काल में देश के निवासियों के हाथों में नकदी बढ़ाने के लिए जहां सरकार और अन्य वित्तीय संस्थान एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 6 करोड़ से अधिक अंशधारकों को करारा झटका देने वाला फैसला किया है. ईपीएफओ वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 6 करोड़ से अधिक सदस्य कर्मचारियों के खातों में निर्धारित 8.5 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान नहीं करेगा. अब वह 8.5 फीसदी की बजाए 8.15 फीसदी ही ब्याज सदस्य कर्मचारियों के खातों में डालेगा. बाकी ब्याज की बची हुई रकम इस साल के अंत में दिसंबर महीने तक डाली जा सकती है.

कर्मचारियों के भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करने वाले ईपीएफओ ने बुधवार को कहा कि छह करोड़ के करीब अंशधारकों को वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए भविष्य निधि पर निर्धारित 8.50 फीसदी ब्याज में से उनके खातों में आंशिक भुगतान ही जारी किया जाएगा. शेष भुगतान साल के अंत तक किया जाएगा. एक सूत्र ने समाचार एजेंसी भाषा को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.50 फीसदी की निर्धारित दर में से फिलहाल 8.15 फीसदी ब्याज ही ईपीएफ खातों में डाला जाएगा. यह फैसला ईपीएफओ ट्रस्टी की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया.

इसके पहले, ईपीएफओ ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में किये गये अपने कुछ निवेश को बाजार में बेचने की योजना बनायी थी. ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 फीसदी की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिए यह फैसला लिया गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका. ईपीएफओ का केंद्रीय न्यासी मंडल संगठन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है.

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दिसंबर 2020 में इसकी पुन: बैठक होगी, जिसमें भविष्य निधि अंशधारकों के खातों में 0.35 फीसदी की दर से ब्याज की बकाया राशि जारी किये जाने पर गौर किया जाएगा. ब्याज भुगतान का यह मुद्दा न्यासी मंडल की बुधवार की बैठक में सूचीबद्ध नहीं था, लेकिन कुछ ट्रस्टियों ने पीएफ खातों में ब्याज अदायगी में देरी का मुद्दा उठाया. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष हैं. बोर्ड ने इस साल मार्च में हुई बैठक में पीएफ पर 2019- 20 के लिए 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने का फैसला किया है.

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Posted By : Vishwat Sen

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