EPFO: मई महीने में 16.30 लाख लोगों को मिली नौकरियां, मगर निजी इक्विटी व पूंजी निवेश 23 प्रतिशत घटा

भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने बताया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से इस साल मई में शुद्ध रूप से 16.30 लाख ग्राहक जुड़े. मई में करीब 11.41 लाख अंशधारक ईपीएफओ से हटे लेकिन वे दोबारा इससे जुड़ भी गए. इससे उनके एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी करने के संकेत मिलते हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2023 12:59 PM

भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने बताया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से इस साल मई में शुद्ध रूप से 16.30 लाख ग्राहक जुड़े. श्रम मंत्रालय ने बताया कि आंकड़ों से पता चलता है कि मई में 3,673 प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों को ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में शामिल किया है. मई में ईपीएफओ से करीब 8.83 लाख नए सदस्य जुड़े जो पिछले छह महीनों का उच्चतम स्तर है. नए अंशधारकों में से 56.42 प्रतिशत हिस्सेदारी 18-25 वर्ष के उम्र समूह के कर्मचारियों की है. यह युवाओं के संगठित रोजगार में आई तेजी को दर्शाता है. हालांकि मई में करीब 11.41 लाख अंशधारक ईपीएफओ से हटे लेकिन वे दोबारा इससे जुड़ भी गए. इससे उनके एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी करने के संकेत मिलते हैं.

2.21 लाख महिलाओं को भी मिला रोजगार

पेरोल आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस महीने पहली बार ईपीएफओ का हिस्से बनने वाले 8.83 लाख नए कर्मचारियों में से करीब 2.21 लाख महिलाओं की थी. मई में शुद्ध रूप से 3.15 लाख महिलाएं ईपीएफओ का हिस्सा बनीं. राज्यों के स्तर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात शुद्ध अंशधारकों के मामले में आगे रहे। इन पांच राज्यों की महीने में शुद्ध रूप से जुड़े अंशधारकों में हिस्सेदारी 57.85 प्रतिशत रही.

क्या है ईपीएफओ

भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की स्थापना 1951 में की गयी थी. भारत सरकार की इस वैधानिक संस्थान के द्वारा लोगों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. पीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.15 फीसदी है. किसी वित्तीय वर्ष के अंत में ईपीएफ खाते में जमा होने वाली ब्याज राशि की गणना आसानी से करना संभव है. खाते में कुल शेष राशि जानने के लिए यह राशि वर्ष के अंत में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान में जोड़ दी जाती है.

निजी इक्विटी, उद्यम पूंजी निवेश पहली छमाही में 23 प्रतिशत घटा

घरेलू इकाइयों में निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कोषों का निवेश इस साल पहली छमाही (जनवरी-जून) में सालाना आधार पर करीब एक चौथाई घटकर 27.5 अरब डॉलर रहा. उद्योग के लिये जनसंपर्क का काम करने वाली इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) और परामर्श कंपनी ईवाई की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. हालांकि, मूल्य के हिसाब से बीते वर्ष जुलाई-दिसंबर के मुकाबले निवेश 33 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की पहली छमाही में 35.9 अरब डॉलर का निवेश हुआ था. वहीं, दूसरी छमाही में निवेश मूल्य घटकर 20.6 अरब डॉलर रहा. आलोच्य अवधि में सौदों की संख्या सालाना आधार पर 44 प्रतिशत घटकर 427 रही। जबकि पिछली छमाही की तुलना में 16 प्रतिशत घटी है.

जून में निवेश 3.1 अरब डॉलर रहा

ईवाई के भागीदार विवेक सोनी ने कहा कि स्टार्टअप में निवेश में कमी आई है लेकिन निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश सकारात्मक बना हुआ है. निजी इक्विटी-उद्यम पूंजी कोष ने पहली छमाही में 10.2 अरब डॉलर जुटाए. यह आने वाले समय में निवेश गतिविधियों के लिहाज से बेहतर है. मासिक रिपोर्ट के अनुसार, जून में निवेश 3.1 अरब डॉलर रहा जो सालाना आधार पर 42 प्रतिशत कम है जबकि मई की तुलना में नौ प्रतिशत कम है.

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