Economic Package : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज क्‍या-क्‍या घोषणाएं की, पढ़ें हर अपडेट

Economic Package वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज से वृद्धि को गति देने और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी. उन्‍होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत होने का मतलब दुनिया के अन्य देशों से अपने को काटना नहीं है. आइये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी घोषणाओं को बिंदुवार जानें.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 13, 2020 6:17 PM

नयी दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के जिस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा मंगलवार को की वह दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा अब तक घोषित बड़े आर्थिक पैकेजों में से एक है. अब उसी आर्थिक पैकेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज से वृद्धि को गति देने और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी. उन्‍होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत होने का मतलब दुनिया के अन्य देशों से अपने को काटना नहीं है. आइये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी घोषणाओं को बिंदुवार जानें.

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करदाताओं को 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया, 14 लाख करदाताओं को लाभ.
MSME के लिए 6 बड़े कदम उठाये गये, इससे 45 लाख MSME को राहत
MSME को 3 करोड़ का लोन बिना कोई गारंटी के
MSME को एक साल तक किश्‍त चुकाने से राहत दी गयी.
ज्‍यादा निवेश के बावजूद MSME का दर्जा खत्‍म नहीं होगा.
MSME को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये.
MSME को 4 साल के लिए बिना कोई गारंटी के लोन मिलेंगे और पहले साल मूलधन नहीं देना होगा.
MSME को 1 साल तक EMI से राहत, 25,00 करोड़ तक वाले MSME को फायदा
संकट में फंसे 2 लाख MSME को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपये.
फंड ऑफ फंड्स के जरिए 50,000 करोड़ का इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा.
हमलोग MSME की परिभाषा बदल रहे हैं. अब MSME के लिए निवेश की सीमा ज्यादा बढ़ा रहे हैं. अब टर्नओवर का क्राइटीरिया भी लाया जाएगा.

10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज को स्मॉल यूनिट माना जाएगा, 30 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ के टर्नओवर वालों को मीडियम इंटरप्राइज माना जाएगा.

अब 200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं होंगे. इससे लघु ,सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा. आत्मनिर्भर भारत की तरफ ये एक और कदम है.

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों और एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के धन के उधार की सुविधा.

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान के लिए सरकार 2,500 करोड़ रुपये देगी, यह प्रोत्साहन योजना अगस्त तक के लिये बढ़ायी गयी.

15 हजार से कम सैलरी वालों का EPF अगस्‍त तक सरकार देगी. सैलरी का 24 फीसदी सरकार PF में जमा करेगी.

EPF में कंपनियों और कर्मचारियों को अब 12-12 प्रतिशत की जगह 10-10 प्रतिशत की देना होगा. इससे 72 लाख 22 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.

एनबीएफसी को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिये 45,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी.

बिजली वितरण कंपनियों के समक्ष गंभीर संकट, 90,000 करोड़ रुपये की आपात नकदी उपलब्ध करायी जाएगी.

वेतन को छोड़ कर दूसरे प्रकार के भुगतान पर टीडीएस, टीसीएस की दर 31 मार्च 2021 तक 25 प्रतिशत कम की गयी, इससे इकाइयों के हाथ में खर्च करने को 50,000 करोड़ रुपये की राशि मुक्त होगी.

नियोक्ताओं द्वारा सांविधिक पीएफ योगदान की दर को 12 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया गया, इससे उनके पास 6,750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी.

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