Credit Card EMI Hidden Charges: EMI ने किया खर्च आसान? जानिए इसके पीछे की असली कीमत
Credit Card EMI Hidden Charges: आज के दौर में क्रेडिट कार्ड EMI आसान समाधान लगती है, लेकिन इसके पीछे ब्याज और क्रेडिट लिमिट लॉक होने जैसे छुपे पहलू होते हैं. यह लेख सरल भाषा में बताता है कि EMI कैसे काम करती है, क्या वाकई सस्ती पड़ती है, इसे बीच में तोड़ना क्यों मुश्किल होता है और इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ सकता है. EMI लेने से पहले ये बातें जानना आपको अनावश्यक कर्ज और भविष्य की परेशानी से बचा सकता है.
Credit Card EMI Hidden Charges: आज की पीढ़ी के लिए क्रेडिट कार्ड EMI एक आम चीज बन चुकी है. मोबाइल लेना हो, लैपटॉप, फ्रिज, छुट्टियों का पैकेज चाहिए या फिर बच्चों स्कूल की फीस जमा करनी हो काउंटर पर बस “EMI कर दीजिए” कहना ही काफी होता है. पहली नजर में यह बहुत आसान लगता है. जेब पर एक साथ बोझ नहीं पड़ता है और खर्च छोटे-छोटे हिस्सों में बंट जाता है. लेकिन सच यह है कि क्रेडिट कार्ड EMI भी आखिरकार एक लोन ही होता है, जिसे समझे बिना लेना बाद में परेशानी बन सकता है. तो आइए जानते हैं की आखिर क्या होता है क्रेडिट कार्ड EMI लेने पर.
EMI करने पर असल में होता क्या है?
जब आप किसी खर्च को EMI में बदलते हैं, तो बैंक उस रकम को आपके क्रेडिट लिमिट से अलग कर देता है. वह राशि एक तरह से लॉक हो जाती है और हर महीने EMI के साथ धीरे-धीरे वापस मिलती है. इसलिए कई लोग समय पर बिल चुकाने के बाद भी देखते हैं कि उनका उपलब्ध लिमिट कम दिखाई दे रहा होता है.
क्या EMI सच में सस्ती पड़ती है?
अक्सर EMI को आसान और हल्का दिखाया जाता है, लेकिन इसके पीछे ब्याज और प्रोसेसिंग फीस छुपी होती है. ब्याज दरें आमतौर पर सामान्य क्रेडिट कार्ड ब्याज से कम होती हैं, फिर भी 13 से 24 प्रतिशत तक जा सकती हैं. त्योहारों में मिलने वाली “नो-कॉस्ट EMI” भी हर बार मुफ्त नहीं होती है, क्योंकि कई बार पूरा भुगतान करने पर मिलने वाला डिस्काउंट EMI में गायब हो जाता है.
EMI तोड़ना आसान क्यों नहीं होता?
एक बार EMI ले लेने के बाद उसे बीच में बंद करना हमेशा आसान नहीं होता है. कई बैंकों में पूरी रकम एक साथ चुकानी पड़ती है और कुछ मामलों में फोरक्लोजर चार्ज भी लगता है. इसलिए अगर आपको जल्द पैसे मिलने वाले हैं, तो EMI लेने से पहले दो बार सोचना जरूरी है.
क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
समय पर EMI चुकाने से क्रेडिट स्कोर ठीक रहता है, लेकिन ज्यादा EMI आपके क्रेडिट लिमिट का बड़ा हिस्सा घेर लेती हैं. इससे खर्च करने की क्षमता घटती है और स्कोर पर भी धीरे असर पड़ सकता है.
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