CNG और घरेलू PNG इस दिन से होगी सस्ती, कंज्यूमर्स को होगा इतने रुपये का फायदा

CNG PNG Price Cut: साल 2026 से CNG और PNG की कीमतों में राहत मिलने वाली है. नई यूनिफाइड टैरिफ पॉलिसी के तहत उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2-3 रुपये तक की बचत का फायदा मिलेगा, जिससे हर घर की मासिक खर्च में सीधा असर पड़ेगा.

By Anshuman Parashar | December 18, 2025 2:42 PM

CNG PNG Price Cut: साल 2026 की शुरुआत देश के मध्यम वर्ग के लिए अच्छी खबर लेकर आ रही है. अगर आप गाड़ी चलाने के लिए सीएनजी (CNG) का इस्तेमाल करते हैं या आपके किचन में पाइप वाली गैस (PNG) आती है, तो अब आपकी मासिक बचत बढ़ने वाली है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने उस टैरिफ स्ट्रक्चर को ही बदलने का फैसला किया है जिसकी वजह से गैस की कीमतें बढ़ी हुई रहती थीं.

क्यों और कैसे कम होंगी कीमतें?

दरअसल, गैस की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा उसके ‘ट्रांसपोर्टेशन’ यानी पाइपलाइन के जरिए एक शहर से दूसरे शहर तक पहुँचाने के खर्च पर निर्भर करता है. अभी तक दूरी के हिसाब से इसे तीन अलग-अलग हिस्सों (जोन्स) में बांटा गया था, जिससे दूरदराज के इलाकों में गैस महंगी हो जाती थी. अब सरकार ने इसे घटाकर सिर्फ दो जोन कर दिया है. 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के बाद उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2 से 3 रुपये तक की सीधी राहत मिलने की उम्मीद है.

पूरे देश में एक जैसा चार्ज

PNGRB के सदस्य ए.के. तिवारी के मुताबिक, पुरानी जटिल व्यवस्था को खत्म कर अब एक ‘यूनिफाइड टैरिफ’ लाया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पहले जोन में आने वाले घरेलू और वाहन उपभोक्ताओं के लिए ढुलाई का खर्च पूरे भारत में एक समान हो जाएगा. इससे कंपनियों की लागत कम होगी और नियामक ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस बचत का लाभ कंपनियों को अपनी जेब में रखने के बजाय सीधे ग्राहकों को देना होगा.

312 इलाकों में दिखेगा असर

इस बड़े बदलाव का दायरा बहुत व्यापक है. देश के करीब 312 जियोग्राफिकल एरिया में रहने वाले लोग इससे लाभान्वित होंगे. वर्तमान में करीब 40 गैस वितरण कंपनियां इस नेटवर्क का हिस्सा हैं. सरकार का मकसद सिर्फ दाम कम करना नहीं है, बल्कि देश के उन हिस्सों तक भी सस्ती गैस पहुँचाना है जहाँ अभी ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने के कारण कीमतें ज्यादा हैं.

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PNGRB अब केवल एक निगरानी संस्था बनकर काम नहीं करेगा. बोर्ड अब राज्यों के साथ मिलकर वैट (VAT) की दरों को कम करवाने और गैस पाइपलाइन बिछाने के नियमों को आसान बनाने पर भी काम कर रहा है. आने वाले समय में निजी और सरकारी क्षेत्र की कंपनियां मिलकर देश के हर घर तक सस्ती गैस पहुँचाने के लक्ष्य पर काम करेंगी.

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