CSE Resumption: निवेशकों के लिए खुशखबरी! जल्द शुरू होगा Calcutta Stock Exchange, सामने आया ये बड़ा अपडेट
CSE Resumption: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाजार नियामक के सकारात्मक संकेतों से उत्साहित कलकत्ता शेयर बाजार (सीएसई) को मार्च-अप्रैल 2024 तक देश के तीसरे शेयर बाजार के रूप में वापसी की उम्मीद है.
CSE Resumption: भारत के निवेशकों के लिए दिवाली के दिन एक बड़ी खुशखबरी सामने आयी है. Bombay Stock Exchange की बड़ी हिस्सेदारी वाली, Calcutta Stock Exchange अगले साल तक शुरू हो सकती है. भारत का ये तीसरा स्टॉक एक्सचेंज होगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाजार नियामक के सकारात्मक संकेतों से उत्साहित कलकत्ता शेयर बाजार (सीएसई) को मार्च-अप्रैल 2024 तक देश के तीसरे शेयर बाजार के रूप में वापसी की उम्मीद है. इससे पहले वर्ष 2013 में सेबी ने विनियामक और अनुपालन मुद्दों के कारण कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (सीएसई) को कारोबार करने से रोक दिया था. सीएसई के मुख्य महाप्रबंधक धीरज चक्रवर्ती ने इस बारे में कहा कि हम जल्द ही देश के तीसरे शेयर बाजार के रूप में वापस आएंगे. इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया है. हमें कुछ कदम उठाने होंगे, जो जनवरी तक पूरे होंगे. उन्होंने कहा कि हमें मार्च-अप्रैल तक नई तकनीक के साथ एक स्वतंत्र एक्सचेंज के रूप में फिर से शुरू होने की उम्मीद है. वर्तमान में सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें करीब 1,842 कंपनियां लिस्टेट हैं. लगभग 400 पंजीकृत व्यापारिक सदस्यों के साथ सीएसई की भारतीय पूंजी बाजार है.
1908 में स्थापित हुआ था कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज
कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1908 में की गयी थी. यह भारत में स्थापित सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक था. इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित था. कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज ने शेयर बाजार में सुरक्षित और न्यायसंगत व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए अपने नियमों और विनियमों को स्थापित किया था. इसने अपने सदस्यों को एक सुरक्षित और विश्वसनीय व्यापार परियावरण प्रदान करने का प्रयास किया था. कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज का बंद हो जाना एक संकेत है कि भारतीय स्टॉक बाजार में कुछ संबद्धता और संरचनात्मक बदलाव हुआ है. 2013 में इसे सेबी के आदेश के बाद, बंद करके बीएसई और निफ्टी में मर्ज कर दिया गया था. इसका अर्थ है कि कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियां और निवेशक अभी भी अपना व्यापार कर रहे हैं. उन्हें व्यापार करने के लिए Bombay Stock Exchange और NIFTY अपने प्लेटफॉर्म देती है. हालांकि, कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज के शुरू हो जाने से निवेशकों और कंपनियों को बड़ी सहुलित होने की संभावना है.
कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार
सीएसई के चेयरमैन दीपांकर बोस ने शेयरधारकों को बताया कि सेबी की मंजूरी के साथ सीएसई को निकट भविष्य में अत्याधुनिक तकनीक के साथ अपने मंच पर अपने व्यापार और निपटान सेवाओं को फिर से शुरू करने की उम्मीद है. हालांकि, इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय का एक फैसला भी आना बाकी है. वर्तमान में Bombay Stock Exchange का कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में करीब 4.99 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. ऐसे में ये एक्सचेंज का सबसे बड़ा हिस्सेदार है. इसके बाद, पश्चिम बंगाल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की भी सीएसई में 3.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है. बता दें कि 1994 के बाद से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एक आधुनिक राष्ट्रीय एक्सचेंज के रूप में विकसित होने के बाद अन्य 19 क्षेत्रीय एक्सचेंज समय के साथ बंद हो गए. इसमें से कई स्टॉक एक्सचेंजों ने अपने निवेशकों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग की सुविधा दी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.