Business News: निवेशक बढ़ती ब्याज दरों का अधिकतम लाभ कैसे उठायें ? FD, छोटी बचत योजनाएं, RBI बॉन्ड

कई विश्लेषकों का मानना है कि रेपो दर में और 35-50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गुंजाइश है. अगर ऐसा होता है तो बॉन्ड यील्ड भी बढ़ जाएगी. इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लॉन्ग टर्म में पैसा निवेश करने की बजाय 12-15 महीने की शॉर्ट टर्म डिपॉजिट में जाना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2022 6:08 PM

मुद्रास्फीति ने लोगों की मासिक खर्चों को बढ़ा दिया है. लेकिन इसके बावजूद कुछ निवेशकों के पास अब भी मुस्कुराने के कारण हैं. रेपो दरों में बढ़ोतरी ने बैंकों और एनबीएफसी को जमा दरों में बढ़ोतरी के लिए मजबूर कर दिया है. कुछ बैंकों में पांच साल की सावधि जमा पर अब 7-7.5% ब्याज मिलता है, जो लगभग एक साल पहले 5.5% था.

शॉर्ट टर्म डिपॉजिट पर दें ध्यान

सावधि जमा में अपना पैसा लगाने से पहले ध्यान रखें कि रेपो दर में और बढ़ोतरी हो सकती है. कई विश्लेषकों का मानना है कि रेपो दर में और 35-50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गुंजाइश है. अगर ऐसा होता है तो बॉन्ड यील्ड भी बढ़ जाएगी. इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लॉन्ग टर्म में पैसा निवेश करने की बजाय 12-15 महीने की शॉर्ट टर्म डिपॉजिट में जाना चाहिए. निवेश करने से पहले पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए कि अवधि समाप्त होने पर आपके पैसे सही समय पर वापस हो पाये.

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छोटी बचत योजना और आरबीआई बॉन्ड

छोटी बचत योजनाओं और आरबीआई बॉन्ड में निवेशकों के लिए बॉन्ड यील्ड बढ़ना भी अच्छी खबर है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें समान अवधि के लिए सरकारी प्रतिभूतियों से जुड़ी होती हैं. बेंचमार्क 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड जून 2021 में 6.04% से 140 आधार अंक बढ़कर जून 2022 में 7.46% हो गया. लेकिन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की गई. अगर छोटी बचत दरें ऊंची रहती हैं, तो आरबीआई के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड में निवेशकों को भी फायदा होगा.

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