15,000 से कम सैलरी वालों को बड़ी राहत, EPFO ने 36.02 लाख कर्मचारियों को दिया ये लाभ…

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ‘लॉकडउाउन' के दौरान पिछले दो महीनों में 36.02 लाख कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. उसने इस दौरान दावों का निपटान करते हुए अपने सदस्यों को करीब 11,540 करोड़ रुपये बांट दिये. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सदस्यों के लिए चीजों को आसान बनाने के इरादे से ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को समय पर सेवा देने को लेकर हर संभव प्रयास किये.

By Agency | June 9, 2020 10:20 PM

नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ‘लॉकडउाउन’ के दौरान पिछले दो महीनों में 36.02 लाख कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. उसने इस दौरान दावों का निपटान करते हुए अपने सदस्यों को करीब 11,540 करोड़ रुपये बांट दिये. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सदस्यों के लिए चीजों को आसान बनाने के इरादे से ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को समय पर सेवा देने को लेकर हर संभव प्रयास किये.

Also Read: अगर आप भी हैं EPFO मेंबर, तो 6 लाख रुपए के बीमे के हैं हकदार, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया

ईपीएफओ के अनुसार, ‘लॉकडाउन’ की पाबंदियों के बावजूद ईपीएफओ ने अप्रैल-मई के दौरान 36.02 लाख दावों के निपटान किये और अपने सदस्यों को 11,540 करोड़ रुपये बांट दिये. बयान में कहा गया है कि कुल दावों में से 15.54 लाख दावे कोविड-19 संकट से राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईपीएफ से पैसा निकालने की दी गयी अनुमति से संबद्ध थे. इसके तहत कुल 4,580 करोड़ रुपये बांटे गये.

बता दें कि इन कठिन समय में ईपीएफओ सदस्यों खासकर जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है, उन्हें भविष्य निधि खाते से निकालने की अनुमति से बड़ी राहत मिली. कोरोना वायरस महामारी से राहत देने के लिए पीएमजीकेवाई के तहत अंशधारकों को तीन महीने का वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ते) या सदस्यों के खाते में जमा रकम का 75 फीसदी (जो भी कम हो) निकालने की अनुमति दी गयी थी. इससे कई कामगारों को राहत मिली.

आंकड़ों के अनुसार, कुल दावाकर्ताओं में 74 फीसदी से अधिक वे लोग थे, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है. ईपीएफओ के अनुसार करीब 24 फीसदी दावा उन लोगों के थे, जिनका वेतन 15,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच था. वहीं 50,000 रुपये से अधिक के वेतन वाली श्रेणी में दावा केवल 2 फीसदी रहा.

बयान के अनुसार ‘लॉकडाउन’ के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए ईपीएफओ ने 50 फीसदी से कम कर्मचारियों के साथ काम किया. कर्मचारियों की कमी के बावजूद दावों का निपटान समय पर किया गया. कोरोना संकट से निपटने के लिए किये गये दावों के निपटान करीब 10 दिन से कम कर लगभग 3 दिन में किये गये.

Posted By : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version