Income Tax: टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, आयकर विभाग ने बढ़ाई ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा

Income Tax: आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है. यह निर्णय करदाताओं, कंपनियों, ट्रस्टों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. सीबीडीटी ने बताया कि ई-फाइलिंग पोर्टल पूरी तरह सुचारू रूप से काम कर रहा है, जहां 23 सितंबर तक 7.57 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल हो चुके हैं. यह कदम प्राकृतिक आपदाओं और पेशेवर संगठनों की मांगों को ध्यान में रखकर उठाया गया है.

By KumarVishwat Sen | September 25, 2025 8:40 PM

Income Tax: आयकर विभाग ने गुरुवार को करदाताओं और पेशेवरों की मांग को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है. यह फैसला बड़े व्यवसायों, ट्रस्टों और कारोबारियों को बड़ी राहत देने वाला है. पहले कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर तय थी, लेकिन अब करदाता और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को इसे पूरा करने के लिए एक माह का अतिरिक्त समय मिल गया है. इस विस्तार से उन संस्थानों को खास राहत मिलेगी जिन पर अनुपालन का अधिक दबाव रहता है.

सीबीडीटी का बयान और आंकड़े

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने बयान में कहा कि आयकर का ई-फाइलिंग पोर्टल पूरी तरह सुचारू रूप से काम कर रहा है. 23 सितंबर तक 7.57 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके थे. वहीं, 24 सितंबर तक करीब 4.02 लाख कर ऑडिट रिपोर्टें अपलोड की गईं, जिनमें से केवल बुधवार को ही 60,000 से अधिक रिपोर्ट जमा की गईं.

डेडलाइन बढ़ाने के पीछे कारण

सीबीडीटी ने बताया कि कई चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों और पेशेवर संस्थाओं ने ऑडिट रिपोर्ट फाइलिंग में आ रही दिक्कतों को सामने रखा था. देश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुईं. यही नहीं, इस विषय पर कई उच्च न्यायालयों में सुनवाई भी हुई. इन परिस्थितियों को देखते हुए डेडलाइन बढ़ाने का फैसला लिया गया.

ई-फाइलिंग पोर्टल की स्थिति

बोर्ड ने स्पष्ट किया कि आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में किसी प्रकार की तकनीकी खामी नहीं है. पोर्टल पर विभिन्न वैधानिक फॉर्म और रिपोर्टें सुचारू रूप से जमा हो रही हैं. हाल ही में 15 सितंबर को तकनीकी कारणों से व्यक्तिगत करदाताओं और गैर-ऑडिट मामलों के लिए रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि एक दिन के लिए बढ़ाई गई थी.

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करदाताओं के लिए महत्व

नई समय सीमा से करदाताओं, विशेष रूप से बड़ी कंपनियों और ट्रस्टों को वार्षिक ऑडिट पूरा करने और रिपोर्ट अपलोड करने में आसानी होगी. इससे कर सलाहकारों और ऑडिटरों को भी पर्याप्त समय मिल पाएगा. सरकार का यह कदम अनुपालन को सरल बनाने और करदाताओं पर बोझ कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

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