Anil Ambani: तीन बैंकों की कार्रवाई और 35 ठिकानों पर छापों के बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया
Anil Ambani की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. तीन बैंकों की सख्त कार्रवाई और ईडी की छापेमारी के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी उनके लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ करार दिया है. RCom पहले से ही दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है.
Anil Ambani: रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCom) और इसके प्रमोटर अनिल अंबानी के लिए संकट गहराता जा रहा है. 2 सितंबर 2025 को बैंक ऑफ बड़ौदा ने कंपनी और अंबानी के लोन अकाउंट्स को ‘फ्रॉड’ (धोखाधड़ी) घोषित कर दिया. कंपनी ने गुरुवार देर रात शेयर बाजार में दाखिल फाइलिंग में इस फैसले की पुष्टि की.
कंपनी की प्रतिक्रिया और कानूनी कदम
RCom ने कहा है कि वह इस पूरे मामले में कानूनी सलाह लेगी और आगे की रणनीति तय करेगी. अनिल अंबानी ने भी इन आरोपों को “पूरी तरह गलत और निराधार” करार दिया और कहा कि वह कानूनी रास्ते अपनाकर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे. गौरतलब है कि RCom पहले से ही कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) में है. मार्च 2020 में कंपनी की समाधान योजना (Resolution Plan) को कर्ज़दाताओं की समिति ने मंजूरी दी थी और इसे मुंबई NCLT में दायर किया गया, लेकिन अभी तक अदालत की अंतिम स्वीकृति लंबित है.
लोन विवाद और IBC का प्रावधान
कंपनी का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा जिन लोन और क्रेडिट सुविधाओं का ज़िक्र कर रहा है, वे CIRP शुरू होने से पहले के हैं. IBC (Insolvency and Bankruptcy Code, 2016) के तहत ऐसे मामलों का निपटारा केवल Resolution Plan या Liquidation के जरिए ही संभव है.
अनिल अंबानी की भूमिका पर कंपनी का बयान
RCom का कहना है कि अनिल अंबानी ने कंपनी में केवल गैर -कार्यकारी निदेशक (Non-Executive Director) की भूमिका निभाई. वे 2006 से 2019 तक, लगभग 14 साल, बोर्ड में रहे. 2019 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. कंपनी का दावा है कि वह कभी भी Executive Director या Key Managerial Personnel (KMP) नहीं रहे और न ही रोजाना संचालन या फैसलों में शामिल थे.
अन्य बैंकों की कार्रवाई
यह पहला मौका नहीं है जब बैंकों ने अनिल अंबानी और RCom के खिलाफ सख्ती दिखाई हो. जून 2025 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कंपनी के लोन अकाउंट को फ्रॉड करार दिया. 24 अगस्त 2025: बैंक ऑफ इंडिया ने भी यही कदम उठाया और अनिल अंबानी पर फंड डायवर्जन और शर्तों के उल्लंघन के आरोप लगाए. अनिल अंबानी पहले से ही PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत ईडी की जांच के दायरे में हैं.हाल ही में ईडी ने मुंबई में अंबानी ग्रुप से जुड़े 35 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें लगभग 50 कंपनियां और 25 व्यक्ति शामिल रहे.
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