झारखंड के लाल मटिया खदान हादसे से खुली केंद्र सरकार की आंख, बंद होंगे असुरक्षित कोयला खदान

विएना : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया के असुरक्षित व कम उत्पादन वाले खदानों को बंद करने की योजना बना रही है. इससे पहले, सरकार ने दिसंबर, 2016 में झारखंड के लालमटिया कोयला खदान में दर्दनाक हादसे के बाद देश के सभी 418 खदानों की सुरक्षा ऑडिट की घोषणा की थी. झारखंड में हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 13, 2017 10:10 AM

विएना : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया के असुरक्षित व कम उत्पादन वाले खदानों को बंद करने की योजना बना रही है. इससे पहले, सरकार ने दिसंबर, 2016 में झारखंड के लालमटिया कोयला खदान में दर्दनाक हादसे के बाद देश के सभी 418 खदानों की सुरक्षा ऑडिट की घोषणा की थी. झारखंड में हुए हादसे में 18 लोगों की मौत हुई थी. कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमने सभी कोयला खदानों खासकर भूमिगत कोयला खदानों का सुरक्षा ऑडिट कराया है. इसीलिए हम कुछ असुरक्षित खानों के बारे में निर्णय करेंगे, जहां हमें लगता है कि उत्पादन बेहतर नहीं है. हम उनमें से कुछ असुरक्षित खानों को बंद करने के बारे में निर्णय करेंगे.

इसे भी पढ़ें : ललमटिया : PM मोदी ने CM दास से ली जानकारी, मुआवजे का एलान

हालांकि, कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बंद किये जाने वाले खदानों की संख्या बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय को अभी सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि जो भी असुरक्षित खानों को लेकर सवाल हैं, वे सभी कोल इंडिया के हैं. हम ऐसे खदानों में परिचालन की अनुमति नहीं देंगे, जो परिचालन के लिहाज से सुरक्षित नहीं हैं.

कोयला खान भविष्य निधि और इपीएफ का विलय लाभकारी

कोयला खान भविष्य निधि के कर्मचारी भविष्य निधि के साथ प्रस्तावित विलय का केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह श्रमिकों के हितों को सुरक्षित करने वाला होगा. गोयल ने कहा कि मैं मानता हूं कि भविष्य के लिहाज से देश की सबसे बड़ी इकाई (भविष्य निधि) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) को कोयला खान श्रमिकों की भविष्य निधि की देख-रेख करनी चाहिए. गोयल ने कहा कि इससे केवल उन कुछ लोगों को नुकसान होगा, जो कोयला खान भविष्य निधि को अपने हिसाब से प्रबंधित करते हैं. उनसे यह छिन जायेगा.

विलय के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने 19 मई से की है हड़ताल का आह्वान

इस प्रस्तावित विलय के विरोध में कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगारेणी कोलरीज कंपनी लिमिटेड की विभिन्न अनुषंगियों के करीब पांच लाख कोयला श्रमिकों ने 19 से 21 जून की देशव्यापी हड़ताल बुलायी है. केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि मेरा मानना है कि राष्ट्रीय इपीएफओ बेहतर प्रबंधन संगठन है. यह कोयला खान भविष्य निधि के निवेश से बेहतर रिटर्न देगा और यह राष्ट्रहित, जनहित और श्रमिक हित में है.

Next Article

Exit mobile version