संकट में क्राफ्ट पेपर मिलों के लगातार बंद होने से कोरगेटिड बॉक्स उद्योग

नयी दिल्ली : विभिन्न उत्पादों की पैकिंग में काम आने वाले 18,000 करोड़ रुपये के कोरगटिड बॉक्स उद्योग को क्राफ्ट पेपर मिल के बढ़ते दाम और मिलों की बंदी की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. इससे उद्योग के समक्ष जहां एक तरफ मूल्यवृद्धि का दबाव बढ़ गया, वहीं कच्चे माल की आपूर्ति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 23, 2017 3:20 PM

नयी दिल्ली : विभिन्न उत्पादों की पैकिंग में काम आने वाले 18,000 करोड़ रुपये के कोरगटिड बॉक्स उद्योग को क्राफ्ट पेपर मिल के बढ़ते दाम और मिलों की बंदी की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. इससे उद्योग के समक्ष जहां एक तरफ मूल्यवृद्धि का दबाव बढ़ गया, वहीं कच्चे माल की आपूर्ति का भी संकट बढ़ रहा है. भारतीय कोरगेटिड बॉक्स विनिर्माता संघ (आईसीसीएमए) की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कोरगेटिड बॉक्स उद्योग के लिए जरूरी कच्चा माल उपलब्ध कराने वाली क्राफ्ट पेपर मिलों के बंद होने से जन उपयोग के सामानों की पैकिंग के लिए बॉक्स की कमी के चलते उत्पादन में बाधा खड़ी हो सकती है.

फेडरेशन ऑफ कारगेटिड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (एफसीबीएम) के अध्यक्ष जीके सरदाना ने सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों से निवेदन किया है कि वे क्राफ्ट पेपर मिल्स एसोसिएशन की इकाइयों को बंदी से रोकने और कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर बॉक्स उद्योग को संकट से उबारने में मदद करें. उन्होंने कहा कि कोरगेटिड बॉक्स उद्योग के संकट में फंसने से प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का सपना पूरा करने में बाधा खड़ी हो सकती है. इससे उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों के समक्ष रोजगार का संकट भी खडा हो सकता है.

कोरगेटिड बॉक्स उद्योग में 300 स्वचालित इकाइयां और 12,000 से अधिक अर्ध-स्वचालित यूनिटें कार्यरत हैं. उद्योग में छह लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. उद्योग 54 लाख टीपीए बॉक्स का उत्पादन कर देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है.

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