93% भारतीय लॉकडाउन के बाद ऑफ़िस जाने को लेकर तनाव की स्थिति में हैं – सर्वे के अनुसार

कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने के लिए देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन लागू है जो कि 17 मई को खत्म होगा.ऐसे में लोगों के मन में सिर्फ एक ही सवाल चल रहा है कि इसके बाद की जिंदगी कैसी होगी ? क्या वे पहले की तरह ऑफिस जा सकेंगे ? क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी ? ऐसे कुछ सवाल है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 8, 2020 10:18 PM

कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने के लिए देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन लागू है जो कि 17 मई को खत्म होगा.ऐसे में लोगों के मन में सिर्फ एक ही सवाल चल रहा है कि इसके बाद की जिंदगी कैसी होगी ? क्या वे पहले की तरह ऑफिस जा सकेंगे ? क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी ? ऐसे कुछ सवाल है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे है.

लॉकडाउन के बारें में पता नहीं लेकिन हम आपके ऑफिस से जुड़ी कुछ बातें जरूर बता सकते है.आपको जानकर हैरानी होगी की लॉकडाउन के बाद 93 % लोग ऑफिस फिर से जाने को लेकर आशंकित हैं.

एक कंपनी ने हाल ही में लॉकडाउन के बाद ऑफिस खुलने को लेकर एक सर्वे कराया था. सर्वे के मुताबिक 93 फीसदी लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर तनाव में है. वहीं 85 फीसदी लोग चाहते है कि दोबारा ऑफिस खुलने से पहले उन्हें सैनिटाइज किया जाए.

500 छोटी-बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों के बीच किए गए इस सर्वे में दिल्ली, मुंबई , बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों की मल्टीनेशनल कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. इसमें शामिल 85 फ़ीसदी लोग पुरुष और 15 फ़ीसदी महिलाएं हैं. इसके डाटा के अनुसार, 59 प्रतिशत कर्मचारी अपनी हेल्थ, 25 फ़ीसदी आर्थिक स्थिति और 16 प्रतिशत लोग इस आपदा के लंबे समय तक चलने को लेकर तनाव में हैं.

लेकिन एक दूसरे सर्वे में एक बात यह भी निकल कर सामने आयी है कि कर्मचारी अपने नियोक्ताओं के साथ सहयोग करने को भी तैयार है.9 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वो चाहते हैं कि सभी नियोक्ता Corporate Health Responsibility(CHR) नाम का एक सिस्टम लेकर आएं. ताकि कर्मचारियों का स्वास्थ्य उनके लिए प्राथमिकता बने.

वहीं 96 फीसदी लोग इस इस दौरान होने वाली असुविधाओं को भी झेलने को तैयार है. 81 फीसदी लोग चाहते है कि एक-एक बैच के रूप में काम फिर से शुरू किया जाए. वहीं 73 प्रतिशत का कहना है कि वो वर्क फ़्रॉम होम जारी रखना चाहेंगे.

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