डिजिटल ट्रांजेक्‍शन पर छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा, कम देना होगा टैक्‍स : अरुण जेटली

नयी दिल्‍ली : नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्‍शन करने वाले छोटे कारोबारियों को सरकार एक बड़ा फायदा पहुंचाना चाहती है. सरकार ने वैसे कारो‍बारियों के लिए टैक्‍स में कमी करने का संसोधन टैक्‍स कानून में कर दिया है. वैसे छोटे व्‍यवसायी जिनका सालाना टर्न-ओवर 2 करोड़ रुपये तक है, उनको इस बदलाव से काफी लाभ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 20, 2016 1:56 PM

नयी दिल्‍ली : नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्‍शन करने वाले छोटे कारोबारियों को सरकार एक बड़ा फायदा पहुंचाना चाहती है. सरकार ने वैसे कारो‍बारियों के लिए टैक्‍स में कमी करने का संसोधन टैक्‍स कानून में कर दिया है. वैसे छोटे व्‍यवसायी जिनका सालाना टर्न-ओवर 2 करोड़ रुपये तक है, उनको इस बदलाव से काफी लाभ होगा और सरकार के कैशलेस सोसायटी के परियोजना को बल मिलेगा.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दो करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी और कंपनियां अगर बैंक और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं तो उन्हें टैक्‍स कम देना होगा. उन्होंने कहा कि 2016-17 के बजट में दो करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले ऐसे छोटे व्यापारियों एवं व्यवसायियों, जो समुचित खाते नहीं रखते हैं, उनके बारे में मान लिया गया था कि उन्होंने कर के लिहाज से आठ प्रतिशत आय या लाभ कमाया. किन्तु यदि वे भुगतान के डिजिटल माध्यम अपनाएंगे तो उनकी आय कारोबार का छह प्रतिशत मानी जाएगी न कि आठ प्रतिशत.

जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एक बहुत महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है और एक नयी अधिसूचना में पुराने आदेश को संशोधित किया गया है जिसे बजट 2016-17 के लिए घोषित किया गया था.’ आयकर कानून, 1961 की धारा 44एडी के तहत जिन करदाताओं (व्यक्तिगत, अविभाजित हिंदू परिवार यानी एचयूएफ और एलएलपी को छोडकर भागीदारी कंपनियां) का कारोबार दो करोड़ रुपये या उससे कम है, उनमें करारोपण के लिये लाभ को कुल कारोबार का आठ प्रतिशत माना गया है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नोटिस में कहा, ‘कानून की धारा 44एडी के तहत लाभ को कारोबार का आठ प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है. यह 2016-17 के लिये बैंक चैनल-डिजिटल माध्यमों से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा.’ यह फैसला सरकार के अर्थव्यवस्था में नकदी के कम उपयोग के लक्ष्य हासिल करने और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छोटे कारोबारियों-कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है.

कर विभाग ने यह भी कहा, ‘हालांकि कानून की धारा 44एडी के तहत उस स्थिति में जबकि कुल कारोबार या सकल प्राप्ति नकद में हासिल की जाती है तो कर लगाने के लिये लाभ को आठ प्रतिशत ही माना जाएगा.’ सीबीडीटी ने कहा कि इस संदर्भ में विधायी संशोधन वित्त विधेयक 2017 के जरिये किया जाएगा. नोटबंदी के बाद सरकार ने नकद रहित लेन-देन को बढावा देने के लिये कई उपाय किये हैं.

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