8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की सिर्फ सैलरी में ही नहीं होगी बढ़ोतरी, मिलेंगे कई और फायदे! जानें क्या?

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया है. यह आयोग 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. आयोग की ओर से वेतन वृद्धि के साथ-साथ भत्ते, बोनस, पेंशन और ग्रेच्युटी में भी सुधार की सिफारिशें की जा सकती हैं. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यह आयोग कर्मचारियों के आर्थिक लाभ और कार्य दक्षता बढ़ाने पर ध्यान देगा. रिपोर्ट मई 2027 तक आने की संभावना है.

By KumarVishwat Sen | November 8, 2025 5:11 PM

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कर दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से 3 नवंबर 2025 को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, इस आयोग का गठन न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में किया गया है. आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और यह 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंपेगा. जरूरत पड़ने पर यह एक अंतरिम रिपोर्ट भी पेश कर सकता है. सबसे खास बात यह है कि 8वें वेतन आयोग से न केवल सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि बोनस, भत्ते और पेंशन में भी वृद्धि होने के साथ कई फायदे भी मिलेंगे. आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

आयोग के अध्यक्ष और उसके सदस्य

सरकार की अधिसूचना के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में तीन प्रमुख सदस्य शामिल हैं. इनमें न्यायमूर्ति रंजना देसाई को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा, प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य और पंकज जैन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. यह आयोग व्यापक स्तर पर वेतन, पेंशन, भत्ते और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा.

किन कर्मचारियों को होगा फायदा?

8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के लगभग सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को कवर करेगा. अधिसूचना में जिन श्रेणियों का उल्लेख है. इनमें केंद्र सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी, सशस्त्र बलों के कर्मचारी, केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी और कर्मचारी, भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी, संसद द्वारा स्थापित नियामक निकायों के सदस्य (आरबीआई को छोड़कर), सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कर्मचारी और केंद्र शासित प्रदेशों के अंतर्गत न्यायिक अधिकारियों को शामिल हैं.

आयोग का कार्यक्षेत्र

आयोग केवल वेतन और पेंशन पर ही नहीं, बल्कि भत्तों, बोनस, ग्रेच्युटी और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहनों की भी समीक्षा करेगा. इसका उद्देश्य सरकारी नौकरियों को अधिक आकर्षक बनाना और कार्य संस्कृति में दक्षता, उत्पादकता और जवाबदेही को बढ़ाना है.

वेतन और भत्तों में सुधार

आयोग का मुख्य कार्य वेतन ढांचे में जरूरी और व्यवहारिक बदलावों की सिफारिश करना होगा. यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन स्तर निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के समान या प्रतिस्पर्धी रहे. भत्तों के संदर्भ में आयोग मौजूदा भत्तों की तर्कसंगतता की समीक्षा करेगा और भत्तों के पुनर्गठन की सिफारिश कर सकता है, जिससे अनावश्यक भत्तों को समाप्त कर व्यावहारिक प्रणाली लागू की जा सके.

बोनस और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन

आयोग मौजूदा बोनस योजनाओं की समीक्षा करेगा और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए एक नई प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का सुझाव दे सकता है. यह योजना कर्मचारियों को अधिक उत्पादक और जिम्मेदार बनाने में मदद करेगी.

ग्रेच्युटी और पेंशन में सुधार

आयोग की संदर्भित शर्तों (टीओआर) में यह स्पष्ट किया गया है कि वह एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की समीक्षा करेगा. जो कर्मचारी एनपीएस के अंतर्गत नहीं आते, उनके लिए भी ग्रेच्युटी और पारंपरिक पेंशन में सुधार की सिफारिशें दी जाएंगी. इससे सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी.

आर्थिक स्थिति और राज्यों की क्षमता का ध्यान

वेतन आयोग को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपनी सिफारिशें देते समय देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन और राज्यों की वित्तीय क्षमता को ध्यान में रखे. आयोग को यह भी कहा गया है कि वह पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स) और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन का तुलनात्मक अध्ययन करे, ताकि सिफारिशें व्यावहारिक और संतुलित हों.

विशेषज्ञ सहायता और स्वतंत्रता

सरकार ने आयोग को अपनी प्रक्रिया और कामकाज तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी है. आयोग जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों, सलाहकारों और संस्थागत परामर्शदाताओं की नियुक्ति कर सकता है. सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे आयोग को सभी आवश्यक जानकारी और सहयोग प्रदान करें.

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18 महीनों में सरकार को मिलेगी रिपोर्ट

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, आयोग को अपनी रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर सरकार के सामने पेश करनी होगी. अगर 8वां वेतन आयोग नवंबर 2025 से काम शुरू करता है, तो इसकी अंतिम रिपोर्ट मई 2027 तक आने की उम्मीद है. हालांकि, कर्मचारियों को जल्द राहत देने के लिए आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी जारी कर सकता है, जिसमें प्रारंभिक वेतन संशोधन की सिफारिशें शामिल होंगी.

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