कॉल ड्रॉप : दूरसंचार कंपनियों की याचिका पर सुनवाई को तैयार है SC

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय दो सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशनों की याचिका पर सुनवाई करने को आज सहमत हो गया, जिसमें उपभोक्ताओं को कॉल ड्राप पर मुआवजा दिये जाने के भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के फैसले को बरकरार रखे जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गयी है. ट्राई ने कॉल ड्रॉप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 3, 2016 1:37 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय दो सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशनों की याचिका पर सुनवाई करने को आज सहमत हो गया, जिसमें उपभोक्ताओं को कॉल ड्राप पर मुआवजा दिये जाने के भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के फैसले को बरकरार रखे जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गयी है. ट्राई ने कॉल ड्रॉप होने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा देना दूरसंचार कंपनियों के लिए एक जनवरी 2016 से अनिवार्य कर दिया था और उसके इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था.

एसोसिएशनों की याचिका का प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यू. यू ललित की पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया जिसमें मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया गया है. पीठ ने एसोसिएशनों से पूछा कि ‘आप प्रणाली क्यों नहीं सुधारते हैं.’ दूरसंचार एसोसिएशनों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले पर तत्काल सुनवाई किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्राई के आदेश को बहाल रखा है.

इसके बाद पीठ याचिका पर कल शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई. उच्च न्यायालय ने इस हफ्ते के शुरू में ट्राई के 16 अक्तूबर 2015 के फैसले को बरकरार रखा था और यह आवश्यक कर दिया था कि सेलुलर ऑपरेटरों को एक रुपया प्रति कॉल ड्रॉप जुर्माना देना पडेगा तथा एक दिन में किसी उपभोक्ता को अधिकतम तीन रुपये तक का ही जुर्माना मिल सकेगा.

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