काले धन का खुलासा नहीं करने वालों को पछताना पड़ेगा : दास

नयी दिल्ली : काले धन की बुराई से लडने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि विदेशों में जमा अपनी अज्ञात संपत्ति का खुलासा करने के लिए कालाधन अनुपालन सुविधा का फायदा नहीं उठाने वालों को ‘पछताना’ पडेगा. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट में कहा, ‘काले धन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 2, 2015 11:40 AM

नयी दिल्ली : काले धन की बुराई से लडने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि विदेशों में जमा अपनी अज्ञात संपत्ति का खुलासा करने के लिए कालाधन अनुपालन सुविधा का फायदा नहीं उठाने वालों को ‘पछताना’ पडेगा. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट में कहा, ‘काले धन के खिलाफ लडाई आर्थिक सुधारों का हिस्सा है. एक देश के नाते हम छद्म अर्थव्यवस्था को वास्तविक अर्थव्यवस्था एवं वृद्धि को कमजोर करने की अनुमति नहीं दे सकते.’ अनुपालन सुविधा के तहत 638 खुलासा-पत्र प्राप्त हुए हैं जिसके तहत 3,770 करोड रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति का खुलासा हुआ.

दास ने कहा, ‘कालाधन अनुपालन सुविधा : जिन्होंने खुलासा नहीं किया है उन्होंने सूचना आदान प्रदान की ताकत को कम करके आंका है. उन्हें पछताना पडेगा.’ एकमुश्त अनुपालन सुविधा की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गयी. इसके तहत जिन लोगों की विदेशों में ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति है, वे अपनी संपत्तियों का खुलासा कर सकते थे और कर अदा कर तथा 60 फीसदी जुर्माना अदा कर आरोपों से मुक्त हो सकते थे.

दास ने एक अन्य ट्वीट में कहा ‘काला धन अनुपालन सुविधा के तहत जिन्होंने खुलासा नहीं किया है, उन्होंने अपनी शामत बुलाई है और उन्हें पछताना पडेगा.’ यह योजना जब तैयार हुई थी तब वह राजस्व सचिव थे. सूचनाएं साझा करने के लिए अमेरिका के साथ विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (फैटका) लागू करने के लिए अमेरिका के साथ हुए समझौतों पर सरकार द्वारा हस्ताक्षर किया गया है जिसके तहत 30 सितंबर से दोनों देशों के बीच कर सूचना साझा करने की अनुमति है.

इसके अलावा सूचनाओं के बहुपक्षीय स्वाभाविक आदान-प्रदान (एइओआइ) समझौता 2017 से लागू होगा जिससे सरकार को दुनिया के विभिन्न देशों से कर संबंधी सूचनाएं इकट्ठा करने में मदद मिलेगी. भारत समेत 58 देशों में 18 मार्च को एइओआइ के तहत 2017 तक सूचनाएं साझा करने के प्रति प्रतिबद्धता जतायी है. इसके अलावा 36 देशों ने 2018 उन देशों के साथ सूचनाएं साझा करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई जहां लाभकारी कर प्रणाली है.

Next Article

Exit mobile version