”अमेरिका-चीन व्यापार समझौते और ब्रिटेन में मजबूत सरकार से वैश्विक वृद्धि में तेजी की उम्मीद”

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा के साथ-साथ बाकायदा समझौते के साथ ब्रेक्जिट होने की उम्मीद बढ़ने से 2020 में वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है. गोपीनाथ ने कहा कि इस साल वैश्विक वित्तीय संकट के बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2019 8:30 PM

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा के साथ-साथ बाकायदा समझौते के साथ ब्रेक्जिट होने की उम्मीद बढ़ने से 2020 में वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है. गोपीनाथ ने कहा कि इस साल वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से वैश्विक वृद्धि निचले स्तर पर आ गयी है. यह व्यापारिक और भू-राजनीतिक तनावों के बढ़ने और उभरते देशों की अपनी अपनी समस्याओं का नतीजा है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उत्पादकता में कमजोर वृद्धि और उम्रदराज होती आबादी से विकिसत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि प्रभावित हुई है. इन कारकों के कारण दुनिया के लगभग सभी देशों में विनिर्माण और व्यापार में कमी आयी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश के अक्टूबर, 2019 के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार वैश्विक वृद्धि इस साल 3 फीसदी और अगले साल 2020 में 3.4 फीसदी हो सकती है. यह अप्रैल के अनुमान से क्रमश: 0.3 फीसदी और 0.2 फीसदी कम है.

गोपीनाथ ने बातचीत में कहा कि अगले साल सुधार की उम्मीद है, लेकिन स्थिति संकटपूर्ण बनी हुई है. भारत जैसे कुछ बड़े उभरते बाजारों में वृद्धि अनुमान से कम है. कुछ देशों में नागरिकों के विरोध प्रदर्शन से स्थिति प्रभावित हो रही है. वह इस साल की शुरुआत में आईएमएफ से जुड़ी. उन्होंने कहा कि इस समय हम चीजों के स्थिर होने के कुछ अस्थायी संकेत देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि विनिर्माण और व्यापार में गिरावट नीचे से अब ऊपर आने लगी है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा तथा ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच समझौते के साथ ब्रेक्जिट की उम्मीद से के साथ साथ 2019 में नीतिगत प्रोत्साहन उपायों से अगले साल आर्थिक गतिविधियों में तेजी की उम्मीद है.

Next Article

Exit mobile version