एक्सपर्ट व्यू : 31 दिसंबर तक है मौका, सबका विश्वास योजना का उठाएं लाभ

अर्पित जैन, चार्टर्ड एकाउंटेंट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष करों के लंबित विवादों का निबटारा करने के लिए यह योजना बनायी है, जिसमें करदाताओं को बकाया राजस्व भुगतान के लिए आसान मौका दिया गया है. दरअसल, सामान्य कार्यप्रणाली के तहत कर विवाद के निबटारे में वर्षों लग जायेंगे. इसे देखते हुए वित्त मंत्रालय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2019 6:34 AM

अर्पित जैन, चार्टर्ड एकाउंटेंट

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष करों के लंबित विवादों का निबटारा करने के लिए यह योजना बनायी है, जिसमें करदाताओं को बकाया राजस्व भुगतान के लिए आसान मौका दिया गया है. दरअसल, सामान्य कार्यप्रणाली के तहत कर विवाद के निबटारे में वर्षों लग जायेंगे. इसे देखते हुए वित्त मंत्रालय ने 1 सितंबर 2019 को सबका विश्वास (विरासत विवाद समाधान) योजना 2019 लागू की है, जो 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हो जायेगा.

इस योजना का लक्ष्य केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर निर्धारिती को अटके हुए विवादों को निबटाने का मौका देना है. वादियों के लिए बकाया राजस्व निबटान का यह बेहतरीन अवसर है. अगर अभी भी कर विवाद खत्म होने के आसार नहीं है या काफी समय से आप इस मुकदमे में लगे हुए हैं तो सरकार की तरफ से इस अवसर को जाने न दें. अभी 15 दिन बचे हुए हैं. आप इस अवसर का लाभ ले सकते हैं और मानसिक परेशानियों को समाप्त कर सकते हैं.

विभाग के लिए भी यह योजना एक सुनहरा अवसर है, ताकि वह लंबित विवादों को खत्म कर जीएसटी प्रशासन पर ध्यान केंद्रित कर सके. इससे पहले लागू की गयी दो अन्य योजनाओं कर विवाद समाधान योजना-1998 और स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहन योजना-2013 में छूट की सीमा बहुत सीमित थी. मौजूदा योजना में यह छूट मुख्य कर देय राशि पर करीब 70 फीसदी तक है. इसके अतिरिक्त ब्याज और मुकदमेबाजी से भी पूरी रियायत मिलती है.

मिलेगी ब्याज और दंड पर छूट

इस योजना के सभी आवेदकों को ब्याज और दंड पर छूट मिलेगी और कर चोरी के लिए मुकदमा नहीं चलाया जायेगा. यह योजना गैर-करदाताओं के लिए स्वैच्छिक प्रकटीकरण का अवसर प्रदान करेगी. योजना का सबसे खास पहलू यह है कि इसमें संपत्ति या बकाये राजस्व की घोषणा करने वाले करदाता की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जायेगी. करदाता की ओर से की जाने वाली सभी कार्यवाही, देय राशि का भुगतान और विभाग के साथ संपर्क आदि पूरी तरह ऑनलाइन होंगे जिससे उत्पीड़न या शिकायत की आशंका नहीं रहेगी. लोग इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन https://cbic-gst.gov.in/ पर भर सकते हैं.

योजना का मुख्य उद्देश्य

1. केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा-कर और 26 अन्य अप्रत्यक्ष कर अधिनियमों के पिछले विवादों के स्वैच्छिक प्रकटीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए लाया गया है.

2. पात्र व्यक्ति को अवैतनिक कर बकाया घोषित करने और इस योजना के प्रावधानों के अनुसार भुगतान करने की सुविधा प्रदान करने का बेहतर अवसर देना है.

3. घोषित कर देय राशि का भुगतान करने वाले पात्र व्यक्तियों को दंड, ब्याज या अभियोजन सहित किसी अन्य कार्यवाही से प्रतिरक्षा प्रदान करना.

पात्रता : इस योजना के पात्र वह सभी व्यक्ति हैं जिन्हें कर के लिए या दंड/विलंब शुल्क के लिए कारण बताओ नोटिस मिला हो अथवा ऐसे नोटिस से उत्पन्न एक या उससे अधिक अपील लंबित हो तथा जिसमें 30 जून, 2019 तक अंतिम सुनवाई न हो पायी हो या वह व्यक्ति जिन पर वसूली योग्य बकाया राशि लंबित हो, जो व्यक्ति स्वैच्छिक प्रकटीकरण करना चाहते हों या जिनके मामले जांच पड़ताल तथा लेखा परीक्षा के अधीन हो और जिसमें निहित राशि की मात्रा निर्धारित कर पार्टी को सूचित की गयी हो अथवा उसके द्वारा बयान में स्वीकार किया गया हो.

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