जरूरत के समय बीमा नहीं खरीदा जा सकता, बीमा एक वरदान, समझें इसकी महत्ता

शशांक भारद्वाज वीपी व रिजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग इंश्योरेंश यानी बीमा आधुनिक युग में एक वरदान से कम नहीं. लाइफ हो या नॉन लाइफ, इंश्योरेंश थोड़े से पैसों में आपके आर्थिक जोखिम को कम तो करता ही है, विपरीत परिस्थितियों में जरूरी धन मुहैया करवाता है, जब परिवार को विपत्ति का सामना करना पड़ रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 5:56 AM
शशांक भारद्वाज
वीपी व रिजनल हेड,
च्वाइस ब्रोकिंग
इंश्योरेंश यानी बीमा आधुनिक युग में एक वरदान से कम नहीं. लाइफ हो या नॉन लाइफ, इंश्योरेंश थोड़े से पैसों में आपके आर्थिक जोखिम को कम तो करता ही है, विपरीत परिस्थितियों में जरूरी धन मुहैया करवाता है, जब परिवार को विपत्ति का सामना करना पड़ रहा होता है. सामान्य जीवन में इंश्योरेंश की भूमिका को बताता पेश है आज का कल्पवृक्ष.
जीवन के सफर में दुर्घटनाएं बोल कर नहीं आतीं. ऐसे में दुर्घटना होने के बाद की विपरीत परिस्थितियों का सामना करने का संबल देता है बीमा. बीमा, एक ऐसी चीज है, जो आप तब नहीं खरीद सकते, जब आपको इसकी बहुत अधिक जरूरत हो यानी दुर्घटना हो जाने के बाद इसे नहीं खरीदा जा सकता. किसी दुर्घटना से पहले ही खरीदना होता है.
उस दुर्घटना से होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए बीमा की जरूरत होती है, और ऐसे में अगर आपने किसी दुर्घटना का पहले से ही बीमा नहीं लिया हुआ है, और दुर्घटना हो जाती है, तो दुर्घटना हो जाने पर आप चाह कर भी बीमा का लाभ नहीं ले सकते. ऐसे वक्त में सिवाय अफसोस करने के अलावा आप कुछ नहीं कर सकते.
जब हम बीमा या इंश्योरेंश की बात करते हैं तो जीवन बीमा का ख्याल सबसे पहले आता है, जबकि अपने देश में जीवन बीमा अनिवार्य नहीं किया गया है. जीवन बीमा के अलावे भी कई तरह के सामान्य बीमा उपलब्ध हैं, जैसे दुकान का बीमा, सामान (गोदाम में रखा माल, इलेक्ट्राॅनिक्स के सामान, घरेलू उपयोग के सामान इत्यादि) का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दो पहिया से लेकर सभी बड़े वाहनों का बीमा इत्यादि.
आजकल तो कई बड़े इवेंट्स, शादी समारोह आदि के लिए भी बीमा किया जाता है. जब आप विदेश जा रहे होते हैं तो आपको इसके लिए खास ट्रेवल बीमा भी लेना अनिवार्य होता है. आजकल तो ट्रांजिट बीमा भी हो रहा है जो रास्ते में सामान की सुरक्षा के लिए होता है. दुर्घटना की स्थिति में नुकसान की भरपाई करता है.
जीवन बीमा : वास्तव में, हर इंसान का जीवन, उसके और उसके परिवार के लिए अनमोल होता है. कोई नहीं चाहता कि उसके साथ कुछ गलत हो जाये, लेकिन अनहोनी, दुर्घटना और मौत भी एक सच है. इस सच्चाई को बदला नहीं जा सकता. इसे अचानक ही कभी न कभी हम सभी को सामना करना ही पड़ता है, लेकिन अगर इस विपरीत परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रहें, तो हम अपने परिजनों के लिए बेहतर आर्थिक सहायता तैयार कर सकते हैं, और इसका एक मात्र उपाय है जीवन बीमा.
कब लें जीवन बीमा :
कम उम्र में जीवन बीमा की पालिसी शुरू करने पर ज्यादा समय तक प्रीमियम देना होता है. इससे प्रीमियम की राशि कम होती है. बड़ी उम्र में बीमा लेने से प्रीमियम की राशि अधिक होगी है. आप जैसा ही पैसा कमाना शुरू कर देते हैं, आपको तुरंत ही अपने लिए जीवन बीमा की एक पॉलिसी ले लेना चाहिए.
स्वास्थ्य बीमा
आज के बढ़ते मेडिकल खर्च को देखते हुए बहुत सारी कंपनियों ने स्वास्थ्य बीमा की ढ़ेर सारी पॉलिसीज को पेश किया है. बीमार होने का कोई समय तय नहीं होता. आप नहीं जानते कि आपको कब कौन सी बीमारी होगी.
किस बीमारी के इलाज में कितना खर्च होगा, यह भी कहना मुश्किल है. यह खर्च दिन प्रति दिन बढ़ता ही जायेगा. एक छोटे से ऑपरेशन में आपकी जमा पूंजी खत्म हो सकती है. इसलिए अगर आप अपने व अपने परिवार के लिए बिना परेशानी के कम पैसे में स्वास्थ्य की देखभाल चाहते हैं, तो स्वास्थ्य बीमा ले सकते हैं. अब तो यह कैशलेस की सुविधा के साथ उपलब्ध है. यानी बिना पैसा जमा किये आप तुरंत ही इलाज शुरू करवा सकते हैं.
हर सदस्य के लिए जीवन बीमा जरूरी नहीं
ऐसा देखा गया है कि परिवार में आय करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ पत्नी व बच्चों के लिए भी जीवन बीमा ली जाती है. यहां एक बात खासतौर पर बताना चाहता हूं कि जब परिवार में कमानेवाले व्यक्ति की दुर्घटना हो जाती है और परिवार में आय करने वाले सदस्य नहीं रह जाते, तो उसके खुद के बीमा का प्रीमियम जमा करने का बोझ खत्म हो जाता है और बीमित राशि परिवार को मिल तो जाता है लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों, पत्नी व बच्चों के लिए खरीदी गयी जीवन बीमा की पॉलिसी चलती रहती है. इसके प्रीमियम का भुगतान करने का बोझ बड़ा हो जाता है क्योंकि कमाने वाला कोई नहीं होता.
सामान्य बीमा
(जनरल इंश्योरेंश)
इन दो तरह के इंश्योरेंश के अलावे कई तरह के सामान्य बीमा पॉलिसी भी उपलब्ध है जिसका उपयोग करते हुए दुकान के स्टॉक, कारखाने आदि अन्य व्यावसायिक संपत्तियों को चोरी, आग, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होनेवाले नुकासान से बच सकते हैं. आजकल तो विभिन्न तरह के इवेंट्स का भी बीमा किया जाता है.
बीमा लेते समय सही और पूरी जानकारी जरूर दें
बीमा लेते समय सारी आवश्यक जानकारियां सही-सही देनी चाहिए. पर होता यह है कि जानकारी के अभाव में या कभी-कभी जान बूझ कर भी लोग कुछ चीजें छिपा लेते हैं, जैसे धूम्रपान की आदत, कोई पुरानी बीमारी आदि. इससे क्लेम लेने में कठिनाई आ जाती है. अगर सभी आवश्यक सूचनाएं पूरी और सही-सही दी जाएं, तो क्लेम लेने कोई कठिनाई नहीं आती.
अंत में सलाह…
पहला, एक परिवार में कमाने वाले व्यक्ति के लिए सबसे अधिक कवरेज की राशि वाला जीवन बीमा का एक टर्म प्लान जरूर लेना चाहिए. टर्म पॉलिसी शुद्ध जीवन बीमा की पॉलिसी होती है जिसमें न्यूनतम प्रीमियम पर अधिकतम कवरेज मिलता है. इसमें आपको लाभ तभी मिलता है, जब आपके साथ कुछ अनहोनी हो जाये. आपकी मौत हो जाये या आप परमानेंट विकलांग हो जाएं, यानी आप कभी काम करने लायक न रहें. एक बात और, अगर आप बीमा की अवधि तक जीवित रहते हैं तो आपको बीमा के विरुद्ध कोई राशि प्राप्त नहीं होती.
दूसरा, पूरे परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य बीमा जरूर लें. परिवार में कोई भी बीमार पड़ जाये तो आप अपनी जाम पूंजी बचा सकते हैं और बिना परेशानी के इलाज करवा सकते हैं.
इरडा करती है रेगुलेट : बीमा को लेकर अनेकों गलत धारणाएं प्रचलित हैं. इन्हें सही परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिए. जैसे कि एक अवधारणा यह भी है कि दुर्घटना हो जाने पर क्लेम नहीं मिलता. जबकि ऐसा नहीं है. अब बीमा कंपनियां इरडा से रेगुलेट होती है. इरडा क्लेम सेटलमेंट के आंकड़े भी पेश करता है.
जीवन बीमा को निवेश नहीं समझना चाहिए :
अगर आप यह सोच कर जीवन बीमा ले रहे हैं कि इसमें जमा की जा रही प्रीमियम की राशि पर बेहतर रिटर्न प्राप्त हो, तो यह सोच इंश्योरेंश के साथ सही नहीं बैठता. इंश्योरेंश बेहतर रिटर्न प्राप्त करने का निवेश विकल्प नहीं होता है.
इसमें आपके परिजनों के लिए आपके जीवन की उपयोगिता शामिल होती है जो आपके नहीं रहने पर आपके परिवार को आर्थिक सहयोग पहुंचाता है. जब आप रिटर्न पाने के लिए जीवन बीमा लेने का सोचते हैं तो आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है. इसलिए अपने जीवन के लिए बीमा लेते समय इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए यह बीमा आपके परिवार के लिए है जिसे आप अधिक से अधिक आर्थिक मदद करना चाहते हैं.
कम से कम प्रीमियम का भुगतान करते हुए आप एक बड़ी राशि का लाइफ कवरेज ले सकते हैं. गणित का इस्तेमाल करते हुए भी देखेंगे तो पायेंगे कि जितने सालों में आपने जितनी रकम का भुगतान प्रीमियम के रूप में किया है उससे कई गुना अधिक की राशि आप अपने परिवार के लिए उपलब्ध करा रहे हैं, वह भी विपरीत परिस्थितियों में. निवेश के और भी कई विकल्प मौजूद हैं जहां आप मासिक बचत करते हुए इंश्योरेंश की तुलना में बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

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