”बेरोजगारी और सुस्त आर्थिक वृद्धि की वजह से खाड़ी के देशों में बनी है अशांति”

दुबई : बेरोजगारी और सुस्त आर्थिक वृद्धि की वजह से खाड़ी के कई देशों में सामाजिक तनाव और अशांति बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को पेश रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है. आईएमएफ की क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अशांति की वजह से पश्चिम एशिया और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 28, 2019 5:05 PM

दुबई : बेरोजगारी और सुस्त आर्थिक वृद्धि की वजह से खाड़ी के कई देशों में सामाजिक तनाव और अशांति बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को पेश रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है. आईएमएफ की क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अशांति की वजह से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र (मेना) क्षेत्र की वृद्धि दर प्रभावित हुई है. इसके अलावा, वैश्विक व्यापार तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं होने की वजह से भी इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है.

इससे पहले, इसी महीने आईएमएफ ने 2019 के लिए क्षेत्र की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया था. आईएमएफ ने खाड़ी देशों और ईरान की वृद्धि दर का अनुमान पिछले साल के 1.1 फीसदी से घटाकर मात्र 0.1 फीसदी कर दिया था. आईएमएफ ने क्षेत्र की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात) की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है.

आईएमएफ के पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के निदेशक जिहाद अजूर ने कहा कि क्षेत्र के इन देशों की वृद्धि दर इतनी कम है कि इससे बेरोजगारी की समस्या से निपटना मुश्किल है. अजूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि क्षेत्र में युवाओं के स्तर पर बेरोजगारी की दर 25 से 30 फीसदी है. बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए क्षेत्र में वृद्धि दर एक से दो फीसदी अधिक होनी चाहिए. आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरोजगारी की ऊंची दर की वजह से खाड़ी देशों में सामाजिक तनाव बढ़ रहा है.

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