सेनेटरी नैपकिन पर नहीं लगता है GST, टैक्स वसूलकर ग्लेनमार्क फार्मा ने कमाया 42.52 लाख रुपये का मुनाफा

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को सैनिटरी नैपकिन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ ग्राहकों को स्थानांतरित नहीं करने का दोषी पाया है. वित्त मंत्री की अगुआई वाली जीएसटी परिषद ने जुलाई, 2018 में सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी को पूरी तरह समाप्त कर दिया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 22, 2019 10:32 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को सैनिटरी नैपकिन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ ग्राहकों को स्थानांतरित नहीं करने का दोषी पाया है. वित्त मंत्री की अगुआई वाली जीएसटी परिषद ने जुलाई, 2018 में सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी को पूरी तरह समाप्त कर दिया है. इससे पहले सैनिटरी नैपकिन पर 12 फीसदी जीएसटी लगता था. कंपनियों को इस कटौती का लाभ ग्राहकों को देना था.

मुनाफाखोरी रोधक महानिदेशालय (डीजीएपी) ने पाया कि वस्तु एवं सेवा कर को शून्य करने के बाद इनपुट कर क्रेडिट उपलब्ध नहीं होने की वजह से 8.39 फीसदी का अतिरिक्त बोझ पड़ा. हालांकि, इसके बाद कीमतें नीचे आनी चाहिए थी, क्योंकि सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी में 12 फीसदी की कटौती की गयी थी, लेकिन ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने इसके दाम नहीं घटाए.

एनएए ने कंपनी की दलील सुनने के बाद यह निष्कर्ष दिया कि ग्लेनमार्क ने जीएसटी में कटौती का लाभ सैनिटरी नैपकिन के खरीदारों को नहीं दिया और मुनाफाखोरी की1 जीएसटी कानून के तहत कंपनी पर जुर्माना लगाया जायेगा. एनएए ने कहा कि ग्लेनमार्क ने गैरकानूनी तरीके 42.52 लाख रुपये का मुनाफा कमाया. एनएए ने कंपनी से 50:50 के अनुपात में केंद्र या राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में यह राशि 18 फीसदी ब्याज के साथ जमा कराने का निर्देश दिया है.

Next Article

Exit mobile version