ATM या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फेल हुआ, तो बैंक रोज देगा 100 रुपये हर्जाना

अगर आपका ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किसी वजह से फेल हो जाता है और एक दिन के अंदर पैसे आपके बैंक अकाउंट में वापस नहीं आते हैं, तो संबंधित बैंक आपको हर दिन 100 रुपये देगा. ऐसा आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडियाकीयहगाइडलाइन कहती है कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फेल होने पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2019 10:57 PM

अगर आपका ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किसी वजह से फेल हो जाता है और एक दिन के अंदर पैसे आपके बैंक अकाउंट में वापस नहीं आते हैं, तो संबंधित बैंक आपको हर दिन 100 रुपये देगा. ऐसा आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडियाकीयहगाइडलाइन कहती है कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फेल होने पर एक दिन के भीतर ग्राहक को पैसा वापस नहीं मिलता, तब तक बैंक और डिजिटल वॉलेट्स को उन्हें हर रोज 100 रुपये काहर्जाना भुरना पड़ेगा.

यह नया नियम ज्यादातर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (IMPS), ई-वॉलेट्स, कार्ड टू कार्ड पेमेंट, नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) पर लागू होगा. RBI ने सभी ऑपरेटरों और अधिकृत पेमेंट सिस्टम्स को सर्कुलर जारी कर यह निर्देश दिया है.

सर्कुलर के मुताबिक, जहां वित्तीय मुआवजे की बात हो ग्राहक के खाते में जल्द से जल्द पहुंच जाना चाहिए, ग्राहक की ओर से शिकायत दर्ज कराये जाने का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि स्टेकहोल्डर्स के साथ विमर्श के बाद असफल ट्रांजैक्शन्स का पैसा खाते में पहुंचने के लिए टाइमफ्रेम और जुर्माने की रकम तय की गई है. इस कदम से ग्राहकों का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और साथ ही असफल लेनदेन की प्रक्रिया में समानता आयेगी.

डिजिटल लेनदेन के अलावा रिजर्व बैंक ने नॉन-डिजिटल ट्रांजैक्शन्स के लिए भी टाइमलाइन तय की है. एटीएम और माइक्रो एटीएम में फेल ट्रांजैक्शन्स के लिए खाते में पैसे पहुंचने के लिए 5 दिन का वक्त तय किया गया है. इसके बाद हर रोज 100 रुपये का जुर्माना देना होगा. पॉइंट ऑफ सेल (POSया कार्ड स्वाइप मशीन) और ऑनलाइन पेमेंट्स के मामले में भी यह अवधि 5 दिन की होगी.

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