जापान की ओरिक्स कॉरपोरेशन के हाथों अपनी सात पवन ऊर्जा परियोजनाएं बेचेगा IL&FS Group

मुंबई : वित्तीय संकट से जूझ रहे आईएलएंडएफएस समूह अब अपनी सात पवन ऊर्जा परियोजनाओं को जापानी कंपनी ओरिक्स कॉरपोरेशन के हाथों बेचेगा. इसके लिए उसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ओर से हरी झंडी मिल गयी है. इस बाबत समूह ने ही सोमवार को जानकारी दी है. इंफ्रास्ट्रक्चर ली जिंग एंड फाइनेंशियल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 22, 2019 6:25 PM

मुंबई : वित्तीय संकट से जूझ रहे आईएलएंडएफएस समूह अब अपनी सात पवन ऊर्जा परियोजनाओं को जापानी कंपनी ओरिक्स कॉरपोरेशन के हाथों बेचेगा. इसके लिए उसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ओर से हरी झंडी मिल गयी है. इस बाबत समूह ने ही सोमवार को जानकारी दी है. इंफ्रास्ट्रक्चर ली जिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) ने कहा कि एनसीएलएटी की ओर से नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डीके जैन ने प्रस्तावित बिक्री को मंजूरी दे दी.

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आईएलएंडएफएस ने विज्ञप्ति में कहा कि एनसीएलएटी ने न्यायमूर्ति जैन को समूह की कंपनियों की समाधान प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त किया है. पवन ऊर्जा अनुषंगियां आईएलएंडएफएस विंड एनर्जी लिमिटेड के अंतर्गत आती हैं. फिलहाल, ओरिक्स के पास इन सात पवन ऊर्जा बिजली संयत्रों में 49 फीसदी हिस्सेदारी है और उसने आईएलएंडएफएस विंड एनर्जी की बची 51 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी.

कंपनी ने विज्ञप्ति में कहा कि इस शर्त पर मंजूरी दी गयी है कि प्रस्ताव को मंजूरी के लिए एनसीएलटी के सामने रखा जायेगा और बिक्री से मिलने वाले पैसे को एस्क्रो खाते में रखा जायेगा. ओरिक्स को होने वाली इस बिक्री से आईएलएंडएफएस समूह की सात कंपनियों के संकट का समाधान हो जायेगा.

इनमें लालपुर विंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, एटीसियन ऊर्जा, खंडके विंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, रेताडी विंड पावर, विंड ऊर्जा इंडिया प्राइवेट, टाडास विंड एनर्जी प्राइवेट और काजे एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं. आईएलएंडएफएस का निदेशक मंडल 28 जून, 2019 की अपनी बैठक में पहले ही इन कंपनियों की बिक्री को मंजूरी दे चुका है.

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