न्यूजप्रिंट पर 10 फीसदी सीमा शुल्क वापस लेने की राज्यसभा में उठी मांग, कहा-प्रिंट मीडिया पर बढ़ेगा दबाव

नयी दिल्ली : राज्यसभा में केरल से निर्दलीय सदस्य एमपी वीरेंद्र कुमार ने आम बजट में अखबारी कागज पर सीमा शुल्क 10 फीसदी लगाये जाने के प्रावधान को वापस लेने की गुरुवार को मांग करते हुए कहा कि इस कदम से पहले ही मुश्किलों में घिरे प्रिंट मीडिया पर दबाव बढ़ेगा. राज्यसभा में आम बजट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 11, 2019 10:12 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में केरल से निर्दलीय सदस्य एमपी वीरेंद्र कुमार ने आम बजट में अखबारी कागज पर सीमा शुल्क 10 फीसदी लगाये जाने के प्रावधान को वापस लेने की गुरुवार को मांग करते हुए कहा कि इस कदम से पहले ही मुश्किलों में घिरे प्रिंट मीडिया पर दबाव बढ़ेगा. राज्यसभा में आम बजट पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए वीरेंद्र कुमार ने कहा कि न्यूज प्रिंट पर लगायी गयी सीमा शुल्क की यह सबसे अधिक दर है.

इसे भी देखें : विशेषज्ञों से जानिए बजट की बारीकियां

कुमार ने कहा कि इससे प्रिंट मीडिया उद्योग पर नकारात्मक असर होगा. उन्होंने दलील दी कि सीमा शुल्क बढ़ने से प्रकाशन की लागत बढ़ने के कारण विभिन्न कारणों से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे छोटे और मध्यम दर्जे के अखबारों का घाटा न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि इनके समक्ष बंद होने का खतरा भी गहरा जायेगा. कुमार ने कहा कि 2009 तक अखबारी कागज पर सीमा शुल्क नहीं लगता था. इसे अब तक के सर्वाधिक 10 फीसदी के स्तर पर लाने के बहुआयामी प्रभाव होंगे.

उन्होंने कहा कि इससे घरेलू स्तर पर अखबारी कागज का उत्पादन बढ़ाने की मजबूरी के कारण अधिक पेड़ों की कटाई होगी, जिससे पर्यावरण का संकट गहरायेगा. साथ ही, घरेलू कागज की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं होने के कारण अखबारों के प्रकाशन की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी.

कुमार ने बजट में केरल की अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल राज्य में आयी प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपायी और पुनर्निर्माण के लिये अतिरिक्त सहायता देने की केरल सरकार की मांग को दरकिनार कर दिया.

बाद में भाकपा के बिनॉय विस्मव ने भी विशेष उल्लेख के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे अखबार उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. उन्होंने सरकार से इस बजटीय प्रावधान को वापस लेने की मांग की.

Next Article

Exit mobile version