रविशंकर प्रसाद ने कहा, घर-घर में पहुंचायेंगे ब्रॉडबैंड और भारत को बनायेंगे ई-प्रोडक्ट निर्यात का केंद्र

नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतिगत प्रोत्साहन एवं उद्यमिता तंत्र विकसित कर इंटरनेट ब्राडबैंड को आम लोगों तक ले जाने का सोमवार को संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात केंद्र बनाने के लिए पूरी सक्रियता के साथ काम करेगी. ‘डिजिटल भारत 2.0’ के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 1, 2019 5:47 PM

नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतिगत प्रोत्साहन एवं उद्यमिता तंत्र विकसित कर इंटरनेट ब्राडबैंड को आम लोगों तक ले जाने का सोमवार को संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात केंद्र बनाने के लिए पूरी सक्रियता के साथ काम करेगी. ‘डिजिटल भारत 2.0’ के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का उल्लेख करते हुए मंत्री ने सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं उसके शीर्ष संगठन नैसकॉम से देश में ‘डिजिटल गांवों’ के गठन एवं डिजिटल साक्षरता से जुड़े सरकार के अभियानों में मदद करने की अपील की.

इसे भी देखें : BSNL के नये ब्रॉडबैंड प्लान के साथ Hotstar प्रीमियम पेश

प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि ब्रॉडबैंड को आप तक पहुंचाना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में है और मैं इस दिशा में काम कर रहा हूं. इसके लिए हम उद्यमियों को जोड़ना चाहते हैं. जिस तरह आज पान की दुकानों में भी मोबाइल का सिम कार्ड उपलब्ध होता है, क्या वैसा ही ब्रॉडबैंड के लिए भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड और मोबाइलों की उपलब्धता डिजिटल इंडिया के अहम घटक हैं, जो देश की डिजिटल जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित हो रहे हैं.

प्रसाद ने कहा कि केबल सेवा प्रदाताओं ने घर-घर तक टीवी पहुंचायी और पीसीओ एवं साझा सेवा केंद्र (सीएससी) बड़े अभियान बनकर उभरे. ऐसा ही बीपीओ के मामले में भी हुआ. क्या हम उद्यमियों एवं सहायक नीतियों की मदद से एक ऐसा तंत्र विकसित कर सकते हैं, जिसमें ब्रॉडबैंड की उपलब्धता सबके लिए हो.

मंत्री ने कहा कि देश को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण से जुड़ी अपनी मौजूदा ताकत एवं प्रतिभाओं का इस्तेमाल कर सकता है. प्रसाद के मुताबिक, यह देखा जाना चाहिए कि डिजिटल इंडिया के तहत 5जी एवं कृत्रिम मेधा जैसी नयी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version