Jet Airways में कुछ शर्तों के साथ 700 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार हैं नरेश गोयल

नयी दिल्ली : जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल कहा है कि वह एयरलाइन में इस शर्त के साथ 700 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार हैं कि उनकी हिस्सेदारी 25 फीसदी से नीचे नहीं आये. गोयल ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को पत्र लिखकर यह बात कही है. गोयल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2019 4:23 PM

नयी दिल्ली : जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल कहा है कि वह एयरलाइन में इस शर्त के साथ 700 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार हैं कि उनकी हिस्सेदारी 25 फीसदी से नीचे नहीं आये. गोयल ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को पत्र लिखकर यह बात कही है. गोयल की यह पेशकश ऐसे समय आयी है, जब जेट एयरवेज की रणनीतिक भागीदार एतिहाद ने कुछ कड़ी शर्तें लगायी हैं. एतिहाद ने कहा है कि वह एयरलाइन में और निवेश करने को तैयार है, बशर्ते गोयल इसका नियंत्रण छोड़ दें.

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गोयल ने कहा है कि वह यह पत्र एतिहाद के रुख के मद्देनजर निपटान योजना के तहत लिख रहे हैं, जिस पर अभी विचार विमर्श चल रहा है. उन्होंने कहा कि एयरलाइन गंभीर नकदी संकट का सामना कर रही है और उसका परिचालन ठप होने की आशंका बनी हुई है. जेट एयरवेज के चेयरमैन ने कहा कि वह कंपनी में 700 करोड़ रुपये का निवेश करने और अपने सभी शेयर गिरवी रखने को प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने पत्र में कहा है कि वह यह निवेश तभी करेंगे, जबकि उनकी हिस्सेदारी 25 फीसदी से नीचे नहीं आये.

पत्र में कहा गया है कि यदि यह संभव नहीं होता है, तो मैं यह निवेश नहीं कर पाऊंगा और न ही अपने शेयर गिरवी रख पाऊंगा. यदि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) मुझे छूट देता है कि मैं अपनी हिस्सेदारी 25 फीसदी से नीचे जाने की स्थिति में बढ़ा पाऊं और इसमें अधिग्रहण संहिता लागू नहीं हो. जब किसी इकाई की सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी निर्धारित सीमा से नीचे जाती है, तो सेबी की अधिग्रहण संहिता के तहत खुली पेशकश लाने की जरूरत होती है.

एयरलाइन को कर्ज देने वाले बैंकों के गठजोड़ में एसबीआई प्रमुख बैंक है. अंशधारक जेट एयरवेज के निपटान पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि एयरलाइन गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है. बीएसई में जेट एयरवेज की शेयरधारिता आंकड़ों के अनुसार, समाप्त तिमाही में गोयल के पास एयरलाइन के 5,79,33,665 शेयर थे. यह कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. इस मसले पर एसबीआई ने गुरुवार को कहा कि ऋणदाता जेट एयरवेज की आर्थिक सेहत को लंबे समय तक सुधारने के लिए एक समाधान योजना पर विचार कर रहे हैं.

इससे पहले वित्तीय संकट में फंसी निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने बुधवार को कहा था कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अन्य ऋणदाताओं तथा अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर उसके पुनरुद्धार के लिए एक वृहद योजना पर काम कर रहा है. पूर्ण हवाई सेवा के दर्जे वाली एयरलाइन ने कहा था कि समाधान योजना में नयी इक्विटी पूंजी डालने के साथ ही आगे निदेशक मंडल में बदलाव को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है. बकौल, जेट एयरवेज वृहद समाधान योजना को लेकर संबद्ध पक्षधारकों के बीच बातचीत ‘सही तरीके से आगे बढ़ रही है.

जेट एयरवेज की आर्थिक सेहत चिंताजनक स्थिति में पहुंच गयी है और शेयर बाजार में एयरलाइन के शेयरों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गयी है. एसबीआई ने बयान जारी कर कहा कि हम कहना चाहते हैं कि ऋणदाता दबाव वाली परिसंपत्तियों की स्थिति सुधारने के लिए आरबीआई द्वारा तय रूपरेखा के अंतर्गत एक पुनर्गठन योजना पर विचार कर रहे हैं, जिससे कंपनी की स्थिति को लंबे समय तक के लिए ठीक किया जा सके. बैंक ने बयान में कहा है कि इस योजना को लागू करने के लिए ऋणदाताओं के बोर्ड की मंजूरी आवश्यक है.

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